आनंद,स्नेह व श्रीगणेश का प्रतीक वसंत पंचमी

वर्षा तिवारीमुम्बई(महाराष्ट्र)*************************************** वसंत पंचमी स्पर्धा विशेष ….. वसंत पंचमी का पर्व ज्ञान तथा विद्या की देवी माँ सरस्वती को समर्पित है। वसंत पंचमी वसंत ऋतु की शुरूआत का प्रतीक है।…

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तुम मेरे प्रिय

दिव्या त्रिवेदीपूर्णिया (बिहार)******************************* काव्य संग्रह हम और तुम से.......... मेरे हृदय तमस को हरने वाले,तुम चन्द्र छवि के समान प्रिय।मैं नदिया-सी तुममें खो जाऊं,तुम हो सागर का विस्तार प्रिय। मैं…

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विचार तो वेदवाणी

पंकज त्रिवेदी सुरेन्द्रनगर(गुजरात) *************************************************************************** पहले प्रहार की कॉलबेल पुकारते मुर्गे की आवाज़ से इंसान जाग जाता है। क्या जागने की यह प्रक्रिया सही अर्थ में होती है ? ईश्वर ने…

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कबीरा

पंकज त्रिवेदी सुरेन्द्रनगर(गुजरात) *************************************************************************** हरि नाम के वस्तर बुनते मन हरि हरि कबीरा, ताने-बाने बुनते-बुनते ऊठ रही है तान कबीरा। आधे कच्चे,आधे पक्के सूत के दिन ये चार कबीरा, नीले…

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ग्रीष्म ऋतु में खोये हुए हैं हम..

पंकज त्रिवेदी सुरेन्द्रनगर(गुजरात) *************************************************************************** निबंध...... ग्रीष्म की ऋतु अपनी चरमसीमा पर है। वृक्ष भी सूर्य की तपिश के सामने सीना तानकर खड़े होकर अपनी अहमियत सिद्ध करा रहे हैं। वो…

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छूटने का बंधन

पंकज त्रिवेदी सुरेन्द्रनगर(गुजरात) *************************************************************************** जब एक कदम आगे बढ़ते हैं हम,एक कदम पीछे छूट जाती हैं ज़मीं। छूटता रहता है सब-कुछ नई राह पर,छूटता है हर कोई इंसान एक रिश्ते…

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