बिन मौसम बरसात
पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़) ****************************************************************************** बिन मौसम बरसात हो गई, बूंदों की बौछार हो गई बदली जग ने काया, मेरा मन हर्षाया…l थोड़ा-सा शरमाया…ll ठंडी-ठंडी पवन चले, हाय ये हमको सर्दी लगे पत्ते-पत्ते बूटे-बूटे, डालियों पर लटके उल्टे कैसा मौसम आया मन मेरा हर्षाया…l बिन मौसम…ll गुन-गुन,गुन-गुन भंवरा करे, कलियों के नखरे बड़े गुलशन-गुलशन महक गये, … Read more