सूरज,छोड़िए अभिमान

गोपाल चन्द्र मुखर्जी बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************************ न जाने,कौन-से अभिमान से, अभिमानी हैं आप,हे प्रखर सूर्यl चैत्र के माह में भी आप, छिपे हैं हिमालय चद्दर की आड़ मेंl क्या आप जानते हैं ? आपके तेवर कमी का फायदा लेकर राक्षसी `कोरोना` नाच रहा है बेखौफ, विश्व में,मृत्यु का डर दिखाकर। समूचे विश्व में आज हुआ … Read more

स्मृति-विस्मृति!!

गोपाल मोहन मिश्र दरभंगा (बिहार) ******************************************************************************** जीवन में कभी-कभी कुछ प्यारा खो जाता है, जीवन की प्रियतम वस्तु के खो जाने से… जीवन फिर जैसे अर्थहीन-सा हो जाता है! दुखों का सागर खूब हिलोरे लेने लगता, मन का विषाद मन को कुंठित करता रहता… तन थका हुआ हो,फिर भी मन जगता रहता! कुछ खो जाने … Read more

होली मुबारक

गोपाल चन्द्र मुखर्जी बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************************ रंगों के समन्वय में खुशियों के उफान में, प्यार के अरमान में- मिलन की आस में, इन्तजार है,उत्सव का- होली के। राधा-कृष्ण की जोरी, गुलाल का,गोधूली के उफान का रंगों की बौछार,मुक्त मन, मिलन,मुबारक,मिठाई की मिठासl भेद-भाव से आजादी, इंतजार साल भर होली काll परिचय-गोपाल चन्द्र मुखर्जी का बसेरा … Read more

अचंभित हूँ

गोपाल चन्द्र मुखर्जी बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************************ गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष……… जंजीर से बंधी हुई माँ का हो रहा था चीरहरण, क्रंदन तब सहा नहीं गया नादान रहे,युवा रहे, इस देश का उत्तरसुरी संतानों का शपथ ली माँ को आजाद कराने का। कंधे से कंधे मिलाकर मिले थे नीचे एक झंडा के, प्रतिज्ञाबद्ध हुए सब रक्षा … Read more

विवश दिल

गोपाल चन्द्र मुखर्जी बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************************ रिसते हुए दिल से पूछा- कैसे चुभा है अपना ही काँटा, कैसे निकालूं उसे ? दोनों ही हैं अपने, कैसे सहूं यातना! फंस कर ममता के भँवरों के जाल में- डूबे हुए माया के रसों से, बोए थे काँटे अपने ही सीने में। अब,काँटे तो चुभेंगे अपने ही स्वभाव … Read more

याद आते हैं वो दिन

गोपाल चन्द्र मुखर्जी बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************************ ‘बड़े दिन की छुट्टी’ स्पर्धा  विशेष……… स्कूल की छुट्टी मिलती थी उस दिन बालक था मैं,सुनता था आ गया है ‘बड़ा दिन’, न जाने क्यों बहुत याद आते हैं वह दिन- केक का स्वाद मीठा लगता था उस दिन। दो पैसे से मिलता था केक,याद आते हैं वो दिन … Read more

प्रेमावतार यीशु

गोपाल चन्द्र मुखर्जी बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************************ कंटीली राह में चल रहे हैं आप, सिर पर काँटो भरा ताज भूखा-प्यासा होकर होकर भी, ढो रहे हैं ख़ुद का मारन साजl चुभ रहे है काँटे पद तल पर- क्षत-विक्षत आप,फिर भी नहीं फिकर सहते हुए असीम यन्त्रणा, ईश्वर से जारी है आपकी प्रार्थना- “नादान है,इन्हें कीजिए क्षमा,हे … Read more

मानवतावादी सतनाम धर्म के प्रबल पक्षधर रहे गुरु घासीदास

गोपाल चन्द्र मुखर्जी बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************************ १८ दिसम्बर जन्म विशेष…………. विश्व के रचनाकर्ता सर्वजीव में प्राणदाता निरंतर विराजमान निराकार सर्वशक्तिमान परम ब्रह्म ही परम सत्य है। एक निराकार शक्ति! उनका नाम ही `सतनाम!` एक ही परमेश्वर को साधन तप द्वारा साधक व सत्य दृष्टाओं ने एक भाव से भिन्न-भिन्न पथ को अवलम्बन करते हुए मानव … Read more

हे दयामय रसराज

गोपाल चन्द्र मुखर्जी बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************************ हे प्याज,हे रस सागर, विख्यात हैं आप भूमण्डल में जिनको मिला है स्वाद वही जाने- मूल्य आपका रतनों से परे। अति उज्ज्वल वर्ण है आपका, सुपुष्ट है देह कांति जब खिलते हैं आपके फूल- वह भी बड़ी स्वादिष्ट,नाम जिसका प्याज कली। है महासाधक,महाज्ञानी, माया के जग में मायाहीन आप … Read more

माफ करो,शर्मिन्दा हूँ

गोपाल चन्द्र मुखर्जी बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************************ हैदराबाद घटना-विशेष रचना………. हे प्रणम्य ईश्वरचन्द्र विद्यासागर जी- अच्छा ही हुआ,आज आप नहीं रहे, नहीं तो अश्रुसिक्त नयन से आप बोले होते- संघर्ष भूल था नारियों को स्वाबलंबी करने का, जरूरत नहीं है आज नारी शिक्षा की जरूरत नहीं है नारियों का स्वावलंबी होने कीl आप जरूर बोलते-रह जाओ … Read more