अन्याय

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************************** हर अन्याय के खिलाफ छेडी गयी,हर जंग है धर्म,हर अन्याय को मिटाने,बुलंद हुई आवाज है कर्म। बुराई पर होती जब फतह,वही न्याय की जीत है,अन्याय अगर जीत जाए,तो यह मानवता की शर्म। कब तलक अन्याय की आग में,यह न्याय जलेगा,फ़ौलाद-सा कलेजा करो,ना रहो फूलों से नरम। शोषित बहन बेटियों को दिलवा … Read more

भूलने लगे हैं बापू के विचार

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) ************************************************************ महात्मा गांधी जयन्ती विशेष….. उन सदविचारों से ही मुख मोड़ने लगे हैंअब आपके विचारों को,भूलने लगे हैं,यह नहीं था आजाद भारत का सपना बापू का-जिस सूत्र में पिरोया,वो तोड़ने लगे हैं।अहिंसा अपना कर बापू ने दिलाई आजादीलोग क्यूँ समाज में हिंसा घोलने लगे हैं,सत्य की एकमात्र राह पर चलना सिखलाया था-क्यूँ … Read more

स्नेह आधार

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* स्नेह अनुपम भाव है ये जीवन का आधार,ममता माँ का स्नेह पिता स्नेह कर्म अपारभाई बहन स्नेह शक्ति गुरू स्नेह शिक्षा मार्ग,स्नेह सिंचित करे हृदय रिश्तों का है सार। स्नेह प्रेम से जुड़ते मन दिलासा औ विश्वास,रोडो़ की राहों पे तलवों तल मखमली अहसासपतझड़ के उडे़ सूखे पत्ते पुष्प पंखुरी … Read more

गुरु-शिष्य की अनवरत प्रक्रिया

निशा गुप्ता देहरादून (उत्तराखंड) ********************************************************* “गुरु तो हमेशा ही हर युग में पूज्य रहे हैं, इसमें कोई अपवाद नही है। वो ही पथ प्रदर्शक बन कर समाज का निर्माण करते हैं।”गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वराय हो या गुरु गोविंद दोनों खड़े काके लागूं पाँय,हर युग में गुरु पूजनीय रहे हैं।अक्षर ज्ञान और जीवन में जीविकोपार्जन का रास्ता … Read more

नयन

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) ************************************************************ राधा के दो नयन में,दिखी श्याम को प्रीत।यमुना तट पर प्रेम में,सुध-बुध खोये मीत॥सुधबुध खोये मीत,बाँसुरी की धुन मोहक।खडी़ गोपियाँ मौन,कृष्ण छवि लख मनमोहक॥कह ‘संजय देवेश’,दूर करते सब बाधा।निश्छल मन से आप,जपे यदि राधा राधा॥ परिचय–संजय गुप्ता साहित्यिक दुनिया में उपनाम ‘देवेश’ से जाने जाते हैं। जन्म तारीख ३० जनवरी १९६३ … Read more

शिक्षा अंतर्निहित पूर्णता

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* शिक्षक दिवस विशेष……….. शिक्षा है वो सामाजिक प्रक्रिया,निर्माण करना है इसका उद्देश्यसभ्य सुयोग्य सुसंस्कृत नागरिक,कर्म व्यवहार व सफल समावेशl सीखने-सिखाने की हुई क्रिया,वैदिक काल सर्वांगीण विकासजागा मन में जब ऐसा प्रकाश,आदिकाल में गुरूकुल प्रचलनl मध्यकाल संकुचित जो हुआ,धर्म से शिक्षा को जोड़ा गयाआधुनिक युग लाया विस्तार,सर्वांगीण विकास को बढ़ चलाl … Read more

गाँव की मिट्टी

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************************************** मिट्टी यही है गाँव की,सोने-सी अनमोल।कहते इसको माँ सभी,इसकी जय-जय बोल॥ सबको ये है पालती,इसको शीश लगाय।उपजाती धन धान्य है,धरती माँ कहलाय॥ इसकी सौंधी है महक,मन को लेती मोह।हरियाली चहुँओर है,ये अँखियों को सोह॥ खेले हैं जो गोद में,जी भरकर भरपूर।रिश्ता दिल से जो जुड़ा,कैसे जायें दूर॥ जब भी सावन माह … Read more

मेरा भारत है बहुत महान

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** स्वतंत्रता दिवस विशेष …….. मेरा भारत है बहुत महानवीर इसके हैं सपूत जवान,खड़े हैं बन सीमा पे प्रहरीतैयार हैं अस्त्र-शस्त्र तान,जल थल नभ के रखवालेदेश हित में न्यौछावर प्राण। मेरा भारत है बहुत महानकर्मठ इसके सपूत किसान,सर्दी गर्मी वर्षा में हैं तत्परखेतों में लगा देते हैं जान,खून पसीने से धरा सींचतेभारत … Read more

आजाद तिरंगा

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* स्वतंत्रता दिवस विशेष …….. त्याग तपस्या औ बलिदानी,प्रतीक है अभिमान तिरंगाभूलें ना हम सब भारत वासीप्राण से प्यारा आजाद तिरंगा। केसरिया रंग वीरों की गाथा,सुख हरा प्रगति पथ दर्शाएश्वेत शांति का है देता संदेश,चक्र सदियों का प्राण तिरंगा। आओ हम सब मिलकर गाएं,स्वतंत्र हिंद का गौरव भाए।लहराए नभ सीमा पे … Read more

कृष्ण कन्हैया

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* जन्माष्टमी विशेष…….. हे मधुसुदन हे कान्हा हे साँवरे,तुम्हरी छवि पे जनजन मोहितनुपूर सुनहरे लुभावे मनके जड़े,पीताम्बर वसन सुशोभित प्यारीजन्म लियो मुस्काये हितकारी,कृष्णा कन्हैया मोहन गिरधारी। तुम्हरी बाँसुरी मधुर तान लय,अद्भुत प्रेम रस से मोहित करतेधुन सुन हुई राधा प्यारी बावरी,प्रकृति के हर जड़-चेतन तुम्हींहरि तुम हो गोपाल गोविंद मुरारी,कृष्णा कन्हैया … Read more