कुल पृष्ठ दर्शन : 370

अन्याय

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ 
उदयपुर(राजस्थान)

***************************************************

हर अन्याय के खिलाफ छेडी गयी,हर जंग है धर्म,
हर अन्याय को मिटाने,बुलंद हुई आवाज है कर्म।

बुराई पर होती जब फतह,वही न्याय की जीत है,
अन्याय अगर जीत जाए,तो यह मानवता की शर्म।

कब तलक अन्याय की आग में,यह न्याय जलेगा,
फ़ौलाद-सा कलेजा करो,ना रहो फूलों से नरम।

शोषित बहन बेटियों को दिलवा कर रहेंगे इन्साफ,
मौत से बदतर सजा से,अपराधियों का टूटेगा भ्रम।

दलितों और गरीबों का सदियों से शोषण खत्म हो,
जुल्म के ठेकेदारों की,मोटी बहुत हो गयी चर्म।

जिंदगी में हार मानकर,अन्याय सहना मौत है,
संघर्ष करो और न्याय लो,शांत होगा तब मर्म।

इतिहास गवाह है कि अन्याय,न्याय से हारा है,
जब भृकुटि मुट्ठी तान के,सामना करते हैं हम।

अन्याय देखना और सहना भी,एक महापाप है,
इसके खिलाफ एकजुट हो लड़ना,कतर्व्य परम।

‘देवेश’ ललकार रहा समाज के अन्यायी लोगों को,
ज्वाला प्रज्जवलित करने,राख हो चुकी है गरम॥

परिचय–संजय गुप्ता साहित्यिक दुनिया में उपनाम ‘देवेश’ से जाने जाते हैं। जन्म तारीख ३० जनवरी १९६३ और जन्म स्थान-उदयपुर(राजस्थान)है। वर्तमान में उदयपुर में ही स्थाई निवास है। अभियांत्रिकी में स्नातक श्री गुप्ता का कार्यक्षेत्र ताँबा संस्थान रहा (सेवानिवृत्त)है। सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत आप समाज के कार्यों में हिस्सा लेने के साथ ही गैर शासकीय संगठन से भी जुड़े हैं। लेखन विधा-कविता,मुक्तक एवं कहानी है। देवेश की रचनाओं का प्रकाशन संस्थान की पत्रिका में हुआ है। आपकी लेखनी का उद्देश्य-जिंदगी के ५५ सालों के अनुभवों को लेखन के माध्यम से हिंदी भाषा में बौद्धिक लोगों हेतु प्रस्तुत करना है। आपके लिए प्रेरणा पुंज-तुलसीदास,कालिदास,प्रेमचंद और गुलजार हैं। समसामयिक विषयों पर कविता से विश्लेषण में आपकी विशेषज्ञता है। ऐसे ही भाषा ज्ञानहिंदी तथा आंगल का है। इनकी रुचि-पठन एवं लेखन में है।

 

Leave a Reply