मंज़र नहीं देखा गया
जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* आ गया वो रूह में मंज़र नहीं देखा गया।पूजते पत्थर रहे अंदर नहीं देखा गया। आत्म मंथन के सफ़र में देह से ऊपर उठा,पार गरदन के गया तो सर नहीं देखा गया। देह में वो साथ था पर हम ही लापरवाह थे,जाम पीते रह गए,रहबर नहीं देखा गया। छोड़ कर भागा … Read more