दिन ख़ुशी के आयेंगे
सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश) ***************************************** कहने को आप कह’ दें के अम्न-ओ-अमान है।खौफ़-ओ-ख़तर के साए में चुप हर ज़ुबान है। घेरे हुए हैं आज हमें ग़म तो क्या हुआ,दिन फिर ख़ुशी के आयेंगे यह इतमिनान है। अम्न-ओ-अमान,चैनो सुकूँ,मेल ‘जोल में,सानी ‘न जिसका कोई ‘वो हिन्दोस्तान है। बैठे ‘हैं आज हारे हुए बाज़ की तरह,आपस के इन्तेशार … Read more