यादें
संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** मेरी आँखों में क्यों तुम,आँसू बनकर आ जाते होऔर अपनी याद मुझे,आँखों से करवाते होमेरे गम को आँसूओं,द्वारा निकलवा देते होऔर खुशी की लहर का,अहसास करवा देते हो। मुझे गम में रहने और,उनमें जीने की आदत हैपर हँसते हुए लोगों को,दुआएँ देना मेरी आदत हैतुम रहो सदा खुशहाल,अपनी नई जिंदगी मेंमैं तुम्हें … Read more