यादें

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** मेरी आँखों में क्यों तुम,आँसू बनकर आ जाते होऔर अपनी याद मुझे,आँखों से करवाते होमेरे गम को आँसूओं,द्वारा निकलवा देते होऔर खुशी की लहर का,अहसास करवा देते हो। मुझे गम में रहने और,उनमें जीने की आदत हैपर हँसते हुए लोगों को,दुआएँ देना मेरी आदत हैतुम रहो सदा खुशहाल,अपनी नई जिंदगी मेंमैं तुम्हें … Read more

पर्यावरण को बचाएं

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** पर्यावरण दिवस विशेष….. कदम से कदम मिलाते चलो,पर्यावरण को बचाते चलोराह में जो भी मिले राही,यह संदेश तुम देते चलो। अभी न बचाओगे पर्यावरण को तो,बहुत तुम सब पछताओगेदिल से वृक्षारोपण करने का,जज्बा तुम जगाओइससे ही चारों तरफ हरियाली आएगी,शुध्द जलवायु फिर मिलने लगेगी। जो भी करे भारत माँ से प्यार,वृक्षारोपण करे … Read more

जलवायु परिवर्तन और बच्चे

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************** पर्यावरण दिवस विशेष…. टैग- / /सब ओल्ड/आलेख/ डॉ.अरविन्द प्रेमचंद जैन, भोपाल ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण हेतु पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने हेतु वर्ष १९७२ में की थी। इसे … Read more

मुट्ठी को रहना होगा साथ-साथ…

आरती जैनडूंगरपुर (राजस्थान)********************************************* क्या अनूप मंडल को इल्जाम दें,हम आपस में ही अनेक हैं…‘जैन हूँ’ कहते ही पूछते हैं कौन से ?बताओ कहाँ से हम एक हैं।मुट्ठीभर हैं हम पर इस,मुट्ठी को रहना होगा साथ-साथ…तब रोक पाएंगे हम पर,उठती उँगली और हाथ।अहिंसक होना हमारी,कमजोरी नहीं ताकत है…अहिंसा की शक्ति महावीर और,गांधी के रूप में आज … Read more

क्यों लुभाती हो…

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** खनकती चूड़ियां तेरी,मुझे क्यों लुभाती हैंखनक तेरी पायल की,हमको क्यों बुलाती हैहँसती हो जब तुम,तो दिल खिल जाता हैमोहब्बत करने को मेरा,मन बहुत ललचाता है। कमर की करधौनी,भी कुछ कहती हैप्यास दिल की वो,भी बहुत बढ़ाती हैहोंठों की लाली हँसकर,हमें लुभाती हैऔर आँखें,आँखों से,मिलने को कहती है। पहनती हो जो,भी तुम परिधानतुम्हारी … Read more

मोहब्बत निभा गए

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** वो मोहब्बत हमसे कुछ,इस तरह निभा गएअपने सारे दु:ख-दर्द,दिल में छुपाए रहेऔर मिलते रहे हमसे,हमेशा हँसते हुएभनक ही नहीं लगने दी,वो जीते रहे हमारे लिए। माना कि हम मोहब्बत,उनसे बेपनाह करते हैंपर वो सारे जमाने से,बेपनाह मोहब्बत करते हैंकिस-किसने धोखा न दिया,उन्हें इस जमाने मेंपर सब-कुछ जानते हुए भी,मोहब्बत दिल से निभा … Read more

गलतियों का फल

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** इंसान की गलतियों का,फल भोग रहे हमयही दुर्भाग्य हमारा,यही दुर्भाग्य हमारा॥ विश्वगुरु बनने के चक्कर में,दो देश में छिड़ गई जंगबाकी पीछे-पीछे हो लिए,देकर अपना समर्थनसबके लिए मिला है,अब ये प्रसाद बराबरयही दुर्भाग्य हमारा,यही दुर्भाग्य हमारा। हर एक देश से कहो कि,ये जिद्द छोड़ दे अब वोछोटे और बड़े देश में,रखे नहीं … Read more

बिना घर-परिवार के अधूरी है हर रीति

आरती जैनडूंगरपुर (राजस्थान)********************************************* घर-परिवार स्पर्धा विशेष…… बीस दिन से एक कमरे में बंद हैं,उन्हें पूछो क्या है घर-परिवारनहीं किसी का आज,मेरे हाथों में हाथ हैदर्द में नहीं किसी,का संग मेरे साथ है।पैर दर्द होता है तब दीदी,तेरी बहुत याद आती हैबालों को सवारती हूँ,तब बा (नानी) तेरी याद सताती है।माँ ममता की मूरत है,कैसे संभालती … Read more

जीने का मकसद

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** हर किसी को नहीं मिलता,सच्चे अच्छे लोगों का साथये दुनिया बड़ी जालिम है,जो किसी को नहीं छोड़तीकिए अच्छे कर्म तुमने तो,उसके अच्छे फल मिलेंगेजिंदगी के सफर में तुझे,जीने के मकसद मिलेंगे। जो जन्म लेता है दुनिया में,उसे मरना भी पड़ता हैजीना-मरना दुनिया का,एक बड़ा दस्तूर होता हैखुशनसीब होते हैं वो,जिन्हें खुशियाँ मिलती … Read more

सुखिया और हरियाली

मीरा जैनउज्जैन(मध्यप्रदेश) ************************************************ पेड़ विहीन इस गाँव में हरियाली हेतु वन विभाग ने तीन वर्ष पूर्व समस्त गाँव वासियों को विभिन्न प्रकार के शीघ्र बढ़ने वाले पौधे वितरित कर उनकी सार-संभाल के लिए प्रशिक्षण भी दिया। इस वर्ष मुयायना करनेजब वन विभाग की टीम आई तो मात्र सुखिया के घर को छोड़ सारा गाँव पहले … Read more