जीवन है अनमोल
संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ जीवन है अनमोल तो, क्या लगाओगे तुम मोल। बिकता है सब-कुछ, पर मिलता नहीं जीवन। इसलिए ‘संजय’ कहता है, क्यों व्यर्थ गवां रहे हो, यह मानव जीवन। मिला है बहुत प्यार, अपनों से हमें यार। फिर क्यों किसी का, हम दिल दुखाए यहां। हँसी-खुशी के संग, जीवन को जीएं हम। हिल-मिलकर … Read more