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नहीं हो भेदभाव

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’ 
उदयपुर (राजस्थान)
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अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी दिवस विशेष………..


आओ,
मिलकर करें
प्रयासl

विश्व
शरणार्थी
दिवस
पर आज,
कोई
न रहे भूखा,
प्यासाl

सभी हों,
विस्थापित
कोई
न रहे बेघरl

जाति,
धर्म राष्ट्र के
आधार
पर नहीं हो,
भेदभावl

जिंदगी हो,
खुशियों भरी
न हो उन्हें,
कोई अभाव
मिले,
उच्च शिक्षा
अच्छा
स्वास्थ्यl

आगे
बढ़ने के हों,
उन्हें भी
हों तमाम
अवसरl

स्त्री-पुरुष,
बच्चों पर न हो
कोई भी,
अत्याचारl

उनको,
मिले उनके
हिस्से का
भरपूर प्यारl

नहीं हो,
किसी के साथ
दुर्व्यवहार,
न हो
मानवता,
फिर
से शर्मसारl

सबको,
है जीने का
अधिकार,
ख़ुशहाल विश्व
का यही है
एक आधारl

संयुक्त राष्ट्र
संस्था के प्रयासों का,
अभिनन्दन
सौ-सौ बार करते
अभिवंदनll

परिचय-निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। आपकी जन्म तिथि ५ मई १९६९ और जन्म स्थान-ऋषभदेव है। वर्तमान पता उदयपुर स्थित हिरणमगरी (राजस्थान)एवं स्थाई गोरजी फला ऋषभदेव जिला-उदयपुर(राज.)है। आपने हिंदी और संस्कृत में स्नातकोत्तर किया है। कार्य क्षेत्र-शिक्षक का है।  सामाजिक व धार्मिक गतिविधियों में निरंतर सहभागिता करते हैं। श्री जैन की लेखन विधा-हाइकु,मुक्तक तथा गद्य काव्य है। लेखन में प्रेरणा पुंज-माता-पिता और धर्मपत्नी है। रचनाओं का प्रकाशन विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में हुआ है। इनकी लेखनी का उद्देश्य-हिंदी भाषा को समृद्ध व प्रचार-प्रसार करना है। 

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