घुटती साँसें

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** विश्व पर्यावरण दिवस ५ जून विशेष……. बिगड़ा है पर्यावरण,बढ़ता जाता ताप!ज़हरीली सारी हवा,कैसा यह अभिशाप!! डीजल,गैसें खप रहे,बिजली जलती ख़ूब!हरियाली नित रो रही,सूख गई सब दूब!! यंत्रों ने दूषित किया,मौसम और समाज!हमने की है मूर्खता,हम ही भुगतें आज!! नगर घिर गये धुंध में,धूमिल सारे गाँव!धुंआ-धुंआ जीवन हुआ,गायब सारी छाँव!! दिखती … Read more

मित्रत्व

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** मित्र वही जो नेह दे,सदा निभाये साथl हर मुश्किल में थाम ले,कभी न छोडे़ हाथll पथ दिखलाये सत्य का,आने ना दे आंच। रहता खुली किताब-सा,लो कितना भी बांचll मित्र है सूरज-चाँद सा,बिखराता आलोक। हर पल रहकर साथ जो,जगमग करता लोकll कभी न करने दे ग़लत,राहें ले जो रोक। वही … Read more

अंधकार में दीप जलाओ

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** अंधकार में दीप जलाओ,तब ही जीत मिलेगी, औरों से तुम प्रेम बढ़ाओ,तब ही प्रीत मिलेगीl वरना भटकोगे हर क्षण तुम,जीवन मुरझाएगा- असह्य ताप में मिले वेदना,क्योंकर शीत मिलेगीll परिचय-प्रो.(डॉ.)शरद नारायण खरे का वर्तमान बसेरा मंडला(मप्र) में है,जबकि स्थायी निवास ज़िला-अशोक नगर में हैl आपका जन्म १९६१ में २५ सितम्बर … Read more

बुरा है घबराना

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** बुरे पल आते-जाते हैं,बुरा है इनसे घबराना, मनाना ईश को निशदिन,अहितकर होता डर जाना। है भीतर हौंसला तो,बढ़ते जाना,कैसा रुक जाना- जो ठहरा,वह गिरेगा,तब तो उसका तय है मिट जाना॥ परिचय-प्रो.(डॉ.)शरद नारायण खरे का वर्तमान बसेरा मंडला(मप्र) में है,जबकि स्थायी निवास ज़िला-अशोक नगर में हैl आपका जन्म १९६१ में … Read more

झूठा नित्य हारा

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** सदा सच्चों को रहता ईश का ही तो सहारा है, जो झूठा है,जो कपटी है,वो बंदा नित्य हारा है। जो नैतिकता,धरम को मानता,विजय उसको ही मिलती है- जो खो देता है ईमां को,रहे हरदम बेचारा है॥ परिचय-प्रो.(डॉ.)शरद नारायण खरे का वर्तमान बसेरा मंडला(मप्र) में है,जबकि स्थायी निवास ज़िला-अशोक नगर … Read more

माँ पूजा का थाल

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** ‘अन्तर्राष्ट्रीय मातृत्व दिवस’ १० मई विशेष………. माँ होती करुणामयी,माँ सूरज का रूप। देती जो संतान को,सुख की मोहक धूप॥ माँ ईश्वर जैसी लगे,होती पालनहार। माँ में पूरा है भरा,यह सारा संसार॥ हरदम वंदन में रहे,माँ का अनुपम त्याग। माँ-महिमा गायन करें,सातों सुर औ’ राग॥ माँ धरती जैसी लगे,माँ होती … Read more

चिंता

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** मौसम बदला लग रहा,बदले सब आयाम। ‘कोरोना’ ने कर दिया,सबका काम तमाम॥ ईश्वर है आक्रोश में,देखो सुबहोशाम। कैसा इंसां हो गया,कैसा उसका काम॥ शंकाओं का दौर है,शेष न अब विश्वास। मन घायल हर पल लगे,टूट रही है आस॥ चिंताएं नित पल रहीं,सभी जगह विध्वंस। हर कोई रावण हुआ,लगता जैसे … Read more

दृष्टिकोण

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** “क्यों,तुम उस फल वाली को,जितने रुपये वह मांगती है,उतने ही क्यों दे देती हो। कुछ मोल-भाव क्यों नहीं करती हो ?” पति ने पत्नी पूर्णिमा से सवाल किया। “अरे देखो,तालाबंदी का समय चल रहा है,वह कैसे सिर पर टोकरी और जान हथेली पर रखकर अपनी बेटी को साथ में … Read more

मंज़िल को हम पाएंगे

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** नया काल है,नया साल है,गीत नया हम गाएंगे, करना है कुछ नवल-प्रबल अब,मंज़िल को हम पाएंगे। बीत गया जो,विस्मृत करके नव उत्साह जगाएंगे, सुखद पलों को स्मृति में रख कटुता को बिसराएंगे। नई ऊर्जा,नई दिशाएं,नव संकल्प सजाएंगे, करना है कुछ नवल-प्रबल अब,मंज़िल को हम पाएंगे॥ अंतर्मन में शुचिता लेकर, … Read more

आज उदघोष करो

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** सामाजिक सम्बन्ध और दूरी स्पर्धा विशेष……….. जीत बने उपहार,आज उदघोष करो, ‘कोरोना’ की हार,आज उदघोष करो। भले अभी आतंक,वेदना,दुख भारी, हरसाये संसार,आज उदघोष करो। कोई भूखा,रहे न प्यासा,ना ही हो लाचार, मानवता से प्यार,आज उदघोष करो। ख़ुद को रक्खें गृह तक सीमित,तो बेहतर, होगा नित्य सुधार,आज उदघोष करो। क्वारेन्टाइन सबसे … Read more