घुटती साँसें
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** विश्व पर्यावरण दिवस ५ जून विशेष……. बिगड़ा है पर्यावरण,बढ़ता जाता ताप!ज़हरीली सारी हवा,कैसा यह अभिशाप!! डीजल,गैसें खप रहे,बिजली जलती ख़ूब!हरियाली नित रो रही,सूख गई सब दूब!! यंत्रों ने दूषित किया,मौसम और समाज!हमने की है मूर्खता,हम ही भुगतें आज!! नगर घिर गये धुंध में,धूमिल सारे गाँव!धुंआ-धुंआ जीवन हुआ,गायब सारी छाँव!! दिखती … Read more