कब आएंगे मेरे राम…!

लीना खेरियाअहमदाबा(गुजरात)******************************************* अक्सर,लगता है मुझे किमैं हूँ श्रापित अहिल्या-सी,जो मानो सदियों सेना जाने किसकी भूल के,परिणामस्वरूपहो गई हूँ पूर्णतःपाषाण…। संग मेरे,धीरे-धीरे एक-एक करपत्थर हो गए,हृदय के गर्भगृह में स्थापितअपने व…

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अमर रहे मेरा प्यार…

लीना खेरियाअहमदाबाद(गुजरात)******************************************* तुलसी के पौधे-सा,निर्मल और पावनजाने कब और कैसे,उग आया हैतुम्हारा प्यार,मेरे मन के आँगन। जिसे सींचती हूँ मैं,हर रोज हीबड़े चाव से,स्नेहपूरित नयनों केशीतल जल से। फिर लगा…

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नियति…

लीना खेरियाअहमदाबाद(गुजरात)******************************************* एक-एक कर के,चटकती रहीमन के भीतर की सभी,चरमराती ज़र्जरदीवारें। रिसते रहे,बड़ी ख़ामोशी सेधीरे-धीरे सभी एहसास,कभी दर्द में सने आँसू बन करतो कभी आक्रोश बनकर,चुप की चादर ओढ़ेसीने में…

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