तेरी आँखें
विजय कुमारमणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** तेरी आँखें ये कहती हैं,तेरे काजल-सी लगती हैंचमकती मोती जैसी हैं,बात कुछ ऐसी लगती है। जुबां से ऐसा लगता है,प्यार का गहरा नाता हैछुपाने से नहीं छुपता,प्यार…