सारा विश्व करे गुणगान

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष……… अपना भारत अपना नाम सारा विश्व करे गुणगान, हम देते अपना बलिदान विश्व करें हमें सलाम। तिरंगे में लिपटा भी, हो जाए अमर जवान, ऐसी पावन धरा पे हम करते उन वीरों को सलाम। यहाँ माँ अपने वीरों को खोकर नहीं छोड़ती अपनी शान, हम झुक कर … Read more

सुभाष:भारत माँ का लाड़ला

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** सदा अथक संघर्ष ने,माँ भारत के त्राण। आत्मबल विश्वास दे,कर सुभाष निर्माणll भारत माँ का लाड़ला,महावीर सम पार्थ। मेधावी था अतिप्रखर,दानवीर परमार्थll मेरूदंड स्वाधीनता,महाक्रान्ति संघर्ष। कर तन मन अर्पण वतन,तज शासन उत्कर्षll बँधी गुलामी पाश में,भारत माँ अवसाद। देखी सुभाष जन यातना,गोरों का उन्मादll आ उबाल रग खून … Read more

चल रे! मतदान करें

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** देशप्रेम को आगे रख- सबका आह्वान करें, चल रे! मतदान करें। लोकतन्त्र में हाथ बँटा- मत का सम्मान करें, चल रे! मतदान करें। महापर्व के अवसर पर- मन से गुणगान करें, चल रे! मतदान करें। मनचाहे प्रत्याशी चुन- इतना अवदान करें, चल रे! मतदान करें। सही बटन पर जाए मत- … Read more

ऋतु रानी वसंत

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** आतुर स्वागत को तनया के, माँ,राह तके टकटकी लगाये बीत गये दस मास,मिले पुनि आवै तो हिव हरसाये॥ सज रही क्यारियाँ केसरिया, कलियों ने भी ली अंगड़ाई सुरभित पुष्पों से लदी डालियाँ, उपवन की लौटी तरुणाई इठलाती फिर रही तितलियाँ, गुन-गुन-गुन मधुकर गाये। बीत गये दस मास,मिले, पुनि आवै … Read more

तिरंगा

कृष्ण कुमार कश्यप गरियाबंद (छत्तीसगढ़) ******************************************************************* दिल दिया है जां भी हाजिर, हो जाएंगे तेरे लिए कुर्बान। तीन रंगों से बना तिरंगा, भारत की है जो पहचान। अमर शहीदों ने जिसके लिए, खेली कितनी खूनी होलियां। भारत माँ के वीर सपूतों ने, सीने पर हैं खाई गोलियां। झुकने नहीं देंगे कभी कृष्णा, है हमारी ये … Read more

मन मयूर स्वागत प्रिये!

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** फूलों सा कुसमित वदन,अधरामृत मुस्कान। चारुचन्द्र तनु चारुतम,हो कुदरत वरदान॥ मधुर प्रेम मन रंजिता,चाहत मिलन अपार। परिणीता वन्दित हृदय,बनूँ प्रीत रसधार॥ कमलनैन रतिभंगिमा,अन्तर्मन अभिसार। भ्रमर गुंज नित अर्चना,मनमादक श्रृंगार॥ चंचल मन मधुरिम हृदय,सुरभित भाष सुहास। मनोरमा हरिणी समा,मिलूँ हृदय अभिलास॥ पीन पयोधर शिखर सम,त्रिवली सरिता धार। लाल गाल … Read more

फिर से रख दिया

सूरज कुमार साहू ‘नील` भोपाल (मध्यप्रदेश) ***************************************************************** तेरे दिल की दहलीज़ में पैर फिर से रख दिया, मुहब्बत पाने का पैगाम खैर फिर से रख दिया। धोखा तो ज़िन्दगीभर के लिए काफी था पहला, पर खुद से दूर आपस का बैर फिर से रख दिया। चुराता रहा नजर कल पराया बन कर तेरे से, अपनों … Read more

संस्कृति संरक्षण और शिक्षा

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** यह कल्पना करना ही भयावह लगता है कि अगर शिक्षा न होती तो क्या होता ? अगर शिक्षा न होती तो प्राचीनतम् विचारों का क्रमबद्ध संकलन होना सम्भव नहीं होता। गुरुकुल या विद्यापीठ अथवा आज के अत्याधुनिक विद्यालय नहीं होते। समाजीकरण की सतत् प्रक्रिया सुचारु नहीं हो पाती। हमारी अनमोल … Read more

युवा शक्ति सहेजिए

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** काम दीजिये,इन हाथों को ये नव सृजन करेंगे, रहे अगर खाली ये,तो प्रगति में विघ्न बनेंगे। युवा तन और मन सजग रच सकते नव इतिहास, नव पथिक गढ़ें,ये,नव मग है, इनमें अदभुत उत्साह, समुचित अवसर दें,इन्हें ये,बंजर माटी चमन करेंगे। रहे अगर खाली ये,तो प्रगति में विघ्न बनेंगे॥ सबल … Read more

मकर संक्रान्ति,बिहू और पोंगल पर्व

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** पौष मास स्वागत करूँ,सूर्य करे धनु त्याग। मकर राशि पावन अतिथि,महापर्व अनुराग॥ प्रथम साल त्यौहार है,मकर संक्रान्ति नाज़। सदा चतुर्दश जनवरी,कभी पञ्चदश आज॥ लोहड़ी या बिहू कहीं,है पोंगल त्यौहार। कहीं तिल संक्रान्ति यह,दधि-चूड़ा आहार॥ शस्य श्यामला खेत का,नया फसल का स्वाद। चहुँदिश है फ़ैली खुशी,मिटा वैर अवसाद॥ रंग-बिरंगी … Read more