मोहन के प्रेम रंगो

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* प्रेम करो मोहन से, जहां खुशियां बिलसे। मोह माया छोड़ राधा, चरणों में जाइए॥ मोहन के प्रेम रंगो, ज्ञान तिमिर से जगो। मुरली की तान सम, मन में बजाइए॥ सुमन से काम करो, दु:ख भाव नाही धरो। भगवत भजन को, उर में समाइये॥ मोह उर से निकाल, कुकर्म न होय … Read more

यौवन-दान

अरुण कुमार पासवान ग्रेटर नोएडा(उत्तरप्रदेश) ******************************************************************* कम अनूठी नहीं है, श्रवण कुमार से, पुत्र-धर्म की कहानी पितृभक्त राजा पुरु की; भीष्म से भी कहीं मार्मिक है यह दान, नहीं है किंतु, लोक मानस में अमर, कथा पुरु के महा-त्याग की। आनन्द,जो जीवन की उपलब्धि है श्रेष्ठतम, उसकी पराकाष्ठा का नाम ही तो है यौवन! और … Read more

चिराग बुझा दे हमें जरूरत नहीं

मनोज कुमार सामरिया ‘मनु’ जयपुर(राजस्थान) **************************************************** चिराग कब अँधेरों की कमजर्फ़ साजिशों से छला हैl जब तक रहा दम,चीरकर तम शिद्दत से जला हैl फासले मंजिल के दरमियाँ कम ही पड़ते रहे हैं सदा, दिल में बुलंद हौंसलों का जुनून जब भी पला हैl ताकेगी उनको रोशनी की हसीन लड़ियाँ शौक से, आकाश में दल … Read more

करवा चौथी पर्व

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** रीति प्रीति अनुपम प्रथा,करवा का उपवास। आज हुआ प्रियतम सफल,प्रिया प्रेम अहसासll शतंजीव दीर्घायु हो,यश जग में प्रख्यात। सात जन्म का साजना,प्रीत मिलन सौगातll सज़ा थाल कुमकुम फलक,दीप जला ले हाथ। लाल वसन सज आभरण,नवयौवन श्रंगारll रचा हाथ में मेंहदी,बाजुबन्ध सज बाँह। माँग सजा सिन्दूर से,चिर सुहाग मन … Read more

कागज की नौका

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** माता का उपदेश नहीं बच्चे को कुछ भी भाया। बारिश में नौका लेकर पानी के बीच चलाया॥ बिनु पतवार कागजी नौका इधर-उधर बल खाती। कभी पास में आते-आते दूर बहुत हो जाती॥ लहरों के संग उठते-गिरते असमंजस हो जाता। नौका के संग बाल हृदय भी डूब-डूब उतराता॥ सहसा पीछे से … Read more

रेल यात्रा या जेल यात्रा…!

तारकेश कुमार ओझा खड़गपुर(प. बंगाल ) ********************************************************** ट्वीटर से समस्या समाधान के शुरूआती दौर में मुझे यह जान कर अचंभा होता था कि महज किसी यात्री के ट्वीट कर देने भर से रेल मंत्री ने किसी के लिए दवा तो किसी के लिए दूध का प्रबंध कर दिया। किसी दूल्हे के लिए ट्रेन की गति … Read more

तेरी पायल की झनकार

कृष्ण कुमार कश्यप गरियाबंद (छत्तीसगढ़) ************************************************************************** हो गया दिवाना,देखा जबसे तुमको, ना रहा ठिकाना,भूल गया खुद को। करती मेरा दिल बेकरार, तेरी पायल की झनकार। चाँद-सा चेहरा तेरा, आँखों से दिल में उतर गया। सोने न देती मुझे, दिल धड़काती है यार सदा। होंठों की लाली,कानों की बाली, आँखों का काजल,करता है घायल। पागल करती … Read more

भ्रष्ट नेताओं और धर्म के नाम पर पाखंड करने वालों पर कड़ा प्रहार है ‘सिंहनाद’

बोधि प्रकाशन सभागार में ‘मनु’ के काव्य संग्रह का लोकार्पण………. जयपुर(राजस्थान)। यह कविताएं स्वराज के पक्ष में जान पड़ती हैं,जिनमें राष्ट्र की विकराल समस्याओं के समाधान की कल्पना अनूठी है। कवि का व्यथित हृदय स्थितियों में बदलाव चाहता है। पुस्तक में कवि ने भ्रष्ट नेताओं और धर्म के नाम पर पाखंड करने वालों पर कड़ा … Read more

अजय वीर निर्भय बनो

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** अजय वीर निर्भय बनो,भारत माँ के लाल। बहुत हुआ आतंक अब,करो उसे बदहाल॥ शौर्यवीर भारत सपूत,सीमा प्रहरी शान। नापाकी इस पाक का,करो धरा अवसान॥ बहुत हुआ बलिदान अब,बहुत सहे अपमान। कुल कपूत अंगार बन,पाक बना शैतान॥ ब्रह्मोशी राफेल अब,पृथिवी अग्नि सशस्त्र। कर प्रयोग तेजस प्रखर,छोड़ अपाचे अस्त्र॥ शक्ति … Read more

देख रहे पंडालों में

बिनोद कुमार महतो ‘हंसौड़ा’ दरभंगा(बिहार) ********************************************************************* हृदय के दुर्गा को न देखे, देख रहे पंडालों में। चकाचौंध का महिषासुर ही, अब मस्तिष्क के खालों में। लौह पुरुष के स्टेच्यू पर, आज फब्तियाँ कसते जो। करोड़ों के पंडाल खड़ा कर, चंदे सब पर कसते वोll ध्यान धर्म की जगह दिखावा, देख आह कंगालों में। हृदय के … Read more