प्रार्थना इतनी है प्रभु
निर्मल कुमार शर्मा ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** प्रार्थना,कर जोड़,इतनी है प्रभु,जीवन दिया जिस काम,मैं वो कर सकूँ। संलिप्त ना इतना रहूँ,निर्लिप्त ना इतना रहूँ,छलकूँ,ना हो अतिरेक इतना,रिक्त ना इतना रहूँ।जितना किया तूने नियत,वो कर सकूँ,प्रार्थना,कर जोड़, इतनी है प्रभु…॥ संचित करूँ ना मैं कभी,यदि एक भी वंचित रहे,परमार्थ का हेतु बनूँ,पर,स्वार्थ ना किंचित रहे।तूने दिया,वितरित मैं … Read more