बरखा रानी,अभी ना बरसो…

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’ नागपुर(महाराष्ट्र) ********************************************************************** रे कारे,घने बदरवा,अभी ना बरसो,हमारे अंगनवा।जब बिदेस से,आवें सजनवा,जोर लगा के बरसो,हमारे जीवनवा॥ याद आवें हैं,पी की जबर,अब मिलन की,चाह है बढ़ी।बारिश के मौसम,में भीगे,तन-मन जब,साथ हों हम हर घड़ी॥ बादल तुम,देखना कहीं,तूफां बनकर ना,बरसों कहीं।किसान की खेती,गरीब की झोपड़ी,मासूमों की जिंदगी से,ना खेलना कहीं॥ अपनों की यादें,उनके वादे,ना … Read more

जैसा भगवान चाहें

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’ नागपुर(महाराष्ट्र) ********************************************************************** “बापू प्यास लगी है। मेरा गला सूखा जा रहा है। अब मुझसे,चला नहीं जा रहा है।”छ:साल की बेटी,अपने पिता को डबडबाई ,आँखों से कातर स्वर में कहती है। उसके पिता नन्हीं बेटी को,सांत्वना और भरोसा देते हैं कि-“बिटिया बस सामने झोपड़ी दिख रही है। वहां हमें पीने के लिए … Read more

हरा-भरा हो जीवन सबका

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’  नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************************************************* हरा-भरा हो,जीवन सबका, गुलशन में सुमन,खिला हो जैसे। प्रकृति रहे, प्रदूषण मुक्त, इंसानियत का,श्रृंगार हो ऐसा॥ वृक्ष की जड़ें,हों गहरी, हरियाली की,हो आबादी। पेड़-पौधे,नष्ट करने वाले, घोषित हों,प्रदूषण के आतंकवादी॥ मानव करें,प्रगति, विचरें नभ के,शीश पर। पर रहे,मानवता स्वस्थ जंग न लगे,हरीतिमा के भाल पर॥ नगरी-नगरी,जंगल-जंगल, हरियाली का,ना … Read more

जनसैलाब

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’  नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************************************************* परिवार फटेहाल,सुविधा से वंचित गर्भवती,पत्नी साथ। घर पहुंचने की,इच्छा ने, प्राण को भी,दांव पर लगाया साथ॥ बीच राह में,कहीं छाँव तले, बैठ ढूँढते कोई,मदद सहारा। कभी किसी ने कहीं,पानी भोजन, दिया जिंदा रहने,का मिला सहारा॥ आसमां देता,कड़ी धूप व आंधी, पसीने,श्रम से तरबतर । आँसू पोंछते,भाग्य को कोसते, … Read more

कालिंदी और कपिला

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’  नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************************************************* “सुनो जी,पड़ोस में गाय ने कुछ दिनों पहले,बछिया को जन्म दिया है, वह बहुत ही सुंदर है। मैं चाहती हूँ कि सामान के साथ,उसे भी घर ले चलें। घर में गौ माता का होना शुभ होता है।” पत्नी ललिता की बात सुनकर कन्हैया लाल जी ने कहा-“ठीक है, … Read more

आँसू:एक चिंतन

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’  नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************************************************* गम़ और आँसूओं से सराबोर,यह दुनिया। खुशी का,इक पल दूर तलक,नज़र नहीं आता॥ दिल लगे,तो किस पर कोई मूरत,बसे तो सही। भटकने का,प्रवाह है तेज थमने की सूरत,बने तो सही॥ आँसू का,सैलाब दिया नहीं किसी,गैर ने। यह तो करम,किया है किसी अपने ही ने॥ किया चिंतन-मनन खूब, कुछ … Read more

जहाँ प्यार है, वहीं तो जीवन

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’  नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************************************************* कहते हैं ना कि मनुष्य जब जन्म लेता है,तो उसके शरीर में दिल भी होता है और दिल में प्रभु ने प्यार का विशालतम भंडार तोहफे में दिया है। समुद्र की तरह,जो कभी रिक्त नहीं होता। एक सर्वेक्षण के अनुसार,मनुष्य पूरे जीवन अपने प्यार का उपयोग,आधा भी नहीं … Read more

बढ़ती दूरियाँ

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’  नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************************************************* सामाजिक सम्बन्ध और दूरी स्पर्धा विशेष……….. कोरोना वायरस ने तो आज, सामाजिक संबंधों में,पैदा कर दी दूरी। पहले मिलते थे,आपस में, अब ‘तालाबंदी’ की,है मजबूरी॥ पहले कर्फ्यू,फिर ‘तालाबंदी’, अब तो इसे,बढ़ाने की है तैयारी। ससुराल में है,नातिन की शादी, उफ ये संबंध और कोरोना की महामारी॥ ‘स्टे होम,सेव लाईफ’, … Read more

परिंदों का दर्द

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’  नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************************************************* दो चिड़िया एक-दूसरे को अपनी पीड़ा का बखान कर रहीं थीं। एक बोली, -“बहन इतनी भीषण गर्मी पड़ रही है। एक बूँद पानी भी नहीं मिलता,जिससे हमारी प्यास,कुछ तो मिट सके। इंसान अपने नलों की टोंटी भी मजबूती से लगाते हैं। उससे भी पानी का रिसाव नहीं होता। … Read more

प्रेम का एहसास

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’  नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************************************************* जब सावन की घटाएँ, गगन में छा जाती हैं। जब तम में जुगनुओं, की रौशनी बिखर जाती है। तब प्रेम का होता एहसास… जब किसी की छवि आँखों से उतर दिल में बस जाती है। जब पराग का रस लेकर, भौंरा गुन-गुन गीत गाता है। तब प्रेम का … Read more