‘वेदने तू धन्य है री!’ दर्द का दरिया

मनोज कुमार सामरिया ‘मनु’जयपुर(राजस्थान)*************************************** आधुनिक मीरा महीयसी महादेवी वर्मा को समर्पित यह गीतांजलि विरह गीतों का नायाब नमूना है। यह पुस्तक ६२ गीतों को समेटे हुए है। वेदना को संबोधित शीर्षक गीत ‘वेदना तू धन्य है री!’ महाकवि पंत की इन पंक्तियों को प्रमाणित करता जान पड़ा-‘वियोगी होगा पहला कवि,आह से उपजा होगा गान।निकलकर आँखों … Read more

जा भुला दिया तुझको

मनोज कुमार सामरिया ‘मनु’ जयपुर(राजस्थान) **************************************************** जा भुला दिया तुझको भी, इक अधूरे अरमान की तरह। तू मेरी जिन्दगी में आई महज, एक काले ख्वाब की तरह। एक आँधी की तरह अचानक से, मेरे समूचे वजूद को हिलाकर रख दिया। और मैंने भी एक पल के लिए, तेरे काँधे पर अपना सिर रख दिया। खिंचता … Read more

नवजीवन उपहार…

मनोज कुमार सामरिया ‘मनु’ जयपुर(राजस्थान) **************************************************** सहज मन भीतर धर रे धीर, समय है माना विकट गंभीर। देखकर बाधा के शहतीर, ना होना विचलित हे महावीर। यही है अपना प्राणाधार, करो इससे जीवन साकार। रहेंगे हम संयम के साथ, मिलेगा नवजीवन उपहारll जैसे रहती आत्मा, निज देह बना प्राचीर। जान समय प्रतिकूल, रहो तुम अपने … Read more

जीवन की अनमोल धरोहर

मनोज कुमार सामरिया ‘मनु’ जयपुर(राजस्थान) **************************************************** ‘बड़े दिन की छुट्टी’ स्पर्धा  विशेष……… बड़े दिनों की छुट्टी में हम करते बहुत धमाल, जीवन की अनमोल धरोहर बचपन बहुत कमालl बस खाना-पीना और खेलना, ले देकर होते यही तीन ही कामl एक बार जो रेल चलाते, फिर रुकने का नहीं था कामl खेलेंगे हम भरी शीत में, … Read more

वो बचपन के दिन

मनोज कुमार सामरिया ‘मनु’ जयपुर(राजस्थान) **************************************************** विश्व बाल दिवस स्पर्धा विशेष……….. वो बचपन के दिन भी, क्या अजब निराले थे… हम तन के बेशक काले थे, पर दिल में भरे उजाले थे। छोटी-सी दुनिया थी अपनी, जिसमें ना रिश्तों की मारामारी। खेल-खिलौने ही सब-कुछ थे, जिनमें बसती दुनिया सारी। जिम्मेदारी का बोझ नहीं था,बस मन … Read more

एक पत्र लक्ष्मी जी और गणेश जी के नाम

मनोज कुमार सामरिया ‘मनु’ जयपुर(राजस्थान) **************************************************** पूज्य माँ लक्ष्मी और प्रथम पूज्य गणेश जी और माँ सरस्वती, चरण कमल में सादर प्रणाम्l हे देवादिदेव प्रथम पूज्य,लंबोदराय,विघ्नहर्ता,गौरीसुत,हे महालक्ष्मी,सृष्टिनियामका,हे विष्णुवामांगी,हे विद्या की देवी,हे वेदवासिनी,हे वीणावादिनी आपकी कुशलता की कामना करूँ,इतना साहस मुझमें नहीं हैl हे देव और हे देवी जरा ध्यान को त्याग कर इस अभागे को … Read more

चिराग बुझा दे हमें जरूरत नहीं

मनोज कुमार सामरिया ‘मनु’ जयपुर(राजस्थान) **************************************************** चिराग कब अँधेरों की कमजर्फ़ साजिशों से छला हैl जब तक रहा दम,चीरकर तम शिद्दत से जला हैl फासले मंजिल के दरमियाँ कम ही पड़ते रहे हैं सदा, दिल में बुलंद हौंसलों का जुनून जब भी पला हैl ताकेगी उनको रोशनी की हसीन लड़ियाँ शौक से, आकाश में दल … Read more

भ्रष्ट नेताओं और धर्म के नाम पर पाखंड करने वालों पर कड़ा प्रहार है ‘सिंहनाद’

बोधि प्रकाशन सभागार में ‘मनु’ के काव्य संग्रह का लोकार्पण………. जयपुर(राजस्थान)। यह कविताएं स्वराज के पक्ष में जान पड़ती हैं,जिनमें राष्ट्र की विकराल समस्याओं के समाधान की कल्पना अनूठी है। कवि का व्यथित हृदय स्थितियों में बदलाव चाहता है। पुस्तक में कवि ने भ्रष्ट नेताओं और धर्म के नाम पर पाखंड करने वालों पर कड़ा … Read more

स्वप्न फिर दिखाया

मनोज जैन ‘मधुर’ शिवपुरी (मध्यप्रदेश) ************************************************************** फतह,किया राजा ने एक किला और। दिग्विजयी होने का भाव छटपटाया। प्रतिरोधी आँधी को राव ने दबाया। अब भी है समय, हमें मानो सिरमौर। रणभेरी बजी खूब, देखकर सुभीता। कुटिल चाल चली, युद्ध राजा ने जीता। परजा ने, फिर ढूँढा एक नया ठौर। क्षत्रप सब राजा के संग साथ … Read more

माँ का किरदार…

मनोज कुमार सामरिया ‘मनु’ जयपुर(राजस्थान) *************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… जब उसने कभी माँ का किरदार निभाया होगा, साड़ी में चेहरे पर ममता का भाव तो आया होगाl एक संवेदनहीन बुत से वह कैसे दिल लगाएगी, यह ख्याल उसके मन में हजार बार आया भी होगा ? सोचती होगी क्या खूब करिश्मा है यह भी … Read more