प्रियतम की प्रतीक्षा

अल्पा मेहता ‘एक एहसास’राजकोट (गुजरात)*************************************** बरखा बिजुरिया नील नभ मंडराई,काले बादलों संग घिर घिर आई। समीर संग खेले तितलियाँ,बाग-ए-बहार सुर्ख पत्ते हरी डालियाँ। झिलमिलाती पवन पुरवैया,घुमड़-घुमड़ आई सावन की झड़ी।…

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बेटियाँ…हर रंग में घुलती

अल्पा मेहता ‘एक एहसास’राजकोट (गुजरात)*************************************** मेघधनुष के रंग बिखराती,घर-आँगन को रंगों से भरती…नित-नित जीवन की तरंगों में,बेटी है जो हर रंग में घुलती…। कभी पिता के कंधे सहलाती,कभी भाई-बहन को…

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आओ रंग दें हिंन्दुस्तान…

अल्पा मेहता ‘एक एहसास’राजकोट (गुजरात)*************************************** फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… हृदय की तरंगों को,रंगों मे घोलकरखेलेंगे होली,गिले-शिकवे छोड़कर। रंगत दिलों की,फिर से उभर जाएसंगत बिछड़ों की,फिर से संवर जाए।…

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उच्च विचारों का अवमूल्यन रोकना होगा

अल्पा मेहता ‘एक एहसास’राजकोट (गुजरात)*************************************** आज तक हमने सुना है,पढ़ा है,या कहा है कि-रुपए में गिरावट आई,डॉलर-यूरो की कीमत बढ़ गई है, दिरम के भाव बढ़ गए हैं। जिस देश…

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आत्महत्या:निर्बलता को बनाएं शक्ति

अल्पा मेहता ‘एक एहसास’राजकोट (गुजरात)*************************************** 'सुख में न विवेक खो,दु:ख में न सहनशीलता।सुख में हम अगर विवेक खो देते हैं, और दु:ख में सहनशीलता,तो हम कभी मानसिकता से स्थिर नहीं…

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एक कदम अस्मिता की ओर जरूरी

अल्पा मेहता 'एक एहसास'राजकोट (गुजरात)*************************************** खोयी हुई अस्मिता पानेबरसों से जूझ रहा हूँ,अपने ही इंडिया मेंमैं खुद को खोज रहा हूँ,ज़हर के घूंट पी-पी केबद से बदतर काम कर रहा…

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