राष्ट्रवाद ही भारतीयता

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)******************************************************************* हर देशवासी कहता है कि उसे अपनी मातृभूमि से,अपनी मिटटी से प्रेम है,किन्तु क्या हम वाकई अपनी मातृभूमि से प्रेम करते हैं या सिर्फ छद्म देशभक्ति…

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अपराध-विकास:आँख खोलती है घटना

९ जुलाई की सुबह टेलीविजन पर दिखाई पड़ा कि कानपुर के पास के बिकरू गाँव का विकास दुबे,जिसने ८ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी और भागा-भागा फिर रहा था,को…

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सलामत मुस्कान रखना

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)**************************************************** सलामत होंठ पर मुस्कान रखना,सफर में ना बहुत सामान रखना।सदा जीवन रहे,सुखमय तुम्हारा- नहीं दिल में बहुत अरमान रखना॥ परिचय- शिवेन्द्र मिश्र का साहित्यिक उपनाम ‘शिव’ है।…

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कोशिश करके तो देख

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)******************************************************************* रोक सकता है तू लहरों को,कोशिश करके तो देखlलौटा सकता है तू तूफ़ां को,कोशिश करके तो देखI यह दुनिया जो कोसती है रात-दिन तुझे,सीने से लगायेगी…

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होगा पराक्रम करना

शशांक मिश्र ‘भारती’शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ****************************************************************** बहुत हो चुकी सीनाजोरी अब हमें पराक्रम करना होगा, जागो रणबांकुरों जागो शत्रुओं का देश उजड़ना होगा। मित्रता की बातें करने वाले आस्तीन के सर्प निकल…

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अश्रु तेरे बह रहे क्यों

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)**************************************************** दिल हमारा रो रहा है,अश्रु तेरे बह रहे क्यों,होंठ हैं खामोश मेरे,ये नयन कुछ कह रहे क्यों।बाँटते हो दर्द मेरा,क्यों मेरे हमदर्द बनकर- ताप ये मेरे…

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क्या लेना चाहेंगें आप ?

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)******************************************************************* हाज़िर हूँ जनाब,कहिये क्या लेना चाहेंगें आप ?सोना-चाँदी तो हर कोई खरीदता है,आईये मुझसे लीजिए,कुछ ज़ज्बे,कुछ सपने,कुछ दर्द,कुछ आँसू।जी हाँ,बहुत कुछ है मेरे पास,आपके वास्तेमगर आप…

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दर्द देना आदत तुम्हारी

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)**************************************************** दर्द देना प्यार में आदत तुम्हारी बन गयी है,चोट देना मुस्कुरा कर आदत तुम्हारी बन गयी है।जानता हूँ 'जी' नहीं सकते,हमारे प्यार बिन तुम- आपसी तकरार…

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सुन ऐ मूरख चीन

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)**************************************************** भारत और चीन के रिश्ते स्पर्धा विशेष...... कायरता लख चीन की,तन-मन में आक्रोश।वार पीठ पर जो किया,खोकर अपना होश॥खोकर अपना होश,किया छल उसने ऐसा।समझ रहा निर्लज्ज,हिन्द…

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अब बरस भी जाओ…

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)***************************************************************** बादल का एक टुकड़ा मेरी खिड़की से गुजरा,कभी छुपता,कभी बिखरताहवा से अठखेलियाँ करता,मेरे आँगन में आ रुका।खिड़की पर टिकी रात धीरे से झपकियां लेने लगी,ऐसा लगा…

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