पल-पल तेरी याद

शिवेन्द्र मिश्र 'शिव' लखीमपुर खीरी(उप्र) **************************************************** सच बतलाओ यह हमें,कब आओगे आप। मेरे अंतस का तभी,मिट सकता संताप। मिट सकता संताप,विरह की अग्नि जलाए। पल पल तेरी याद,हमें विचलित कर…

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तालाबंदी:धरती की ‘संजीवनी’

गोपाल मोहन मिश्र दरभंगा (बिहार) ******************************************************************************** वैसे तो पिछले कई सालों से पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रयास हो रहे थे,परंतु ज्यादातर सिर्फ औपचारिक थे। 'कोरोना' ने कहर बरपाया तो लोग…

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कैसी मजबूरी

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** सामाजिक सम्बन्ध और दूरी स्पर्धा विशेष……….. सामाजिक संबंध और दूरी, समझें क्या इसे मजबूरी। सामाजिक प्राणी कहलाते, मानवता नाता बनाते। छोड़ क्यों इक पल में…

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सब्बो बुआ

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’ इन्दौर(मध्यप्रदेश) ***************************************************************** सामाजिक सम्बन्ध और दूरी स्पर्धा विशेष……….. "राम-राम सब्बो बुआ! कैसी हो ?" गली से गुजरते हुए शहर से गाँव में राखी मनाने आए मदन ने…

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सामाजिक संबंध और जाल

गोपाल मोहन मिश्र दरभंगा (बिहार) ******************************************************************************** सामाजिक सम्बन्ध और दूरी स्पर्धा विशेष……….. समाज' सामाजिक संबंधों का जाल है, अब प्रश्न यह है- क्या आजकल के टूटते रिश्तों से, किसी को मलाल…

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शारदे विनय

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** करते हैं शारदे तुमको नमन, आ गए हैं तेरे दर पे रे हम। तुम्हारी इबादत है जीवन हमारा, कलम मेरी देखे रस्ता तुम्हारा... जो…

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मत भूलो अपनी संस्कृति

गोपाल मोहन मिश्र दरभंगा (बिहार) ******************************************************************************** कल रात सपने में आया 'कोरोना'… उसे देख जो मैं डर गया, तो मुस्कुरा के बोला-'मुझसे डरो ना।' उसने कहा-'कितनी अच्छी है तुम्हारी संस्कृति,…

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विजयश्री ही नहीं,समझदारी भी दिखानी

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** इटली,स्पेन,अमेरिका जैसी विदेशी ताकतों पर प्रकृति की मार 'कोरोना' महामारी के माध्यम से देखते हुए हमें यह सतर्कता जरूरी थी,जो पहले सरकारी फरमान द्वारा…

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अक्स

गोपाल मोहन मिश्र दरभंगा (बिहार) ******************************************************************************** बंद आँखों एक अँधेरे पर्दे पर, सायों को चला रहा है कौन दृश्य पर दृश्य बदलते हैं, अनदेखे,अनजाने,चेहरे बे-चेहरे तस्वीरें रोज अनोखी, बनाता है…

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हमें कुछ भी न मिला

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’ इन्दौर(मध्यप्रदेश) ***************************************************************** जब मैं निकली घर से कुछ खोजने तो, कोई मुझे तेरे जैसा न मिला। मिले तो बहुत परंतु... किसी को पाया खोया सा अपने…

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