लो चाँद निकल आया

डॉ.नीलिमा मिश्रा ‘नीलम’  इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) ************************************************************** हर सिम्त मुसर्रत है रौनक़ है फ़िज़ाओं में, लो चाँद निकल आया यादों की घटाओं में। दीदार करूँ तेरा,तू सामने अब आजा, बीता है माहे रमज़ा,हर वक़्त दुआओं में। आ ईद मना लें अब,मिल जाएं गले जानम, दस्तूर निभाएं हम ये इश्क़ के गाँव में। मैं सजदा करूँ … Read more

धर्म और विज्ञान का सहयोगी बनना जरुरी

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** “जब-जब होई धरम की हानि, बाढ़ आई असुर अधम अभिमानी…” एक तरफ तो पुराण कुछ इस तरह से धर्म की व्याख्या करते हैं,जिसमें जप-तप,दान-सेवा का बड़ा महत्व है,किंतु गीता में- “यदा-यदा ही धर्मस्य…” जैसे श्लोकों के आधार पर कर्म को धर्म से भी श्रेष्ठ माना गया हैl इसमें कर्म … Read more

न करने से कुछ करना महत्वपूर्ण है

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ प्रिय शिखर, आशीर्वाद। एक साल पहले तक मेरे पास थे,बहुत सारी बातें होती थीं। कई मुद्दों पर चर्चा होती थी। कई बार साथ में बाहर घूमने जाते। वहां भी किसी न किसी विषय पर हम लोगों की बात ही चलती। मेरा प्रयास रहता कि आपकी जिज्ञासा के अनसुलझे प्रश्नों में … Read more

नशे में ही रह दिल…

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** नशे में ही हम हैं,नशे में जमाना, नशे में ही रह दिल,होश में ना आना। बेदर्द दुनिया का जुल्मी चलन है, जीने-मरने की खाते कसम हैं। आता है इनको कसम का भुलाना, नशे में ही रहना…॥ दौलत के संग दिल भी,पलड़े में तौले, दिल की कीमत कम ही बोले। … Read more

बहू नमक की तरह होती है..

निशा सतीशचन्द्र मिश्रा यामिनी मुंबई(महाराष्ट्र) ************************************************ मुरैना भदोही गांव की रहने वाली रेवा का इलाहाबाद के एक बड़े व्यापारी के बेटे सरजू के साथ ब्याह हुआl नए घर में बड़े ही आदर-सम्मान के साथ रेवा ने गृहप्रवेश कियाl शादी के दो-तीन साल काफी मजे और ख़ुशी के साथ निकल गए और जैसे-जैसे दिन बीतता गया,रेवा अपनी … Read more

मधुर मुलाकात से

सोनू कुमार मिश्रा दरभंगा (बिहार) ************************************************************************* यह दृश्य बड़ा ही अप्रतिम जब मिल गए प्रिया-प्रीतम, सुशोभित हो रही सुचिता हर्षित हो रही यह वसुधा, तुम्हारे मुख की मुदित मुस्कान से प्रिया प्रियतम की मधुर मुलाकात से। हर्षित कोयल राग मिलन के गाये मोर-पपीहा देखो नृत्य दिखाये, हृदय उमंग से होता लक्षित जब प्रीत प्रणय होती … Read more

सलामत रहे ये आँचल

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** आँचल एक मखमली अहसास, बालक हेतु जागीर दुनिया की। माँ का आँचल मिले, तो गम उसके पास नहीं फटकते और मुस्कुरा उठता है बालक, माँ के आँचल तले। प्रेमिका के आँचल पर तो, कई प्रेमियों ने गीत लिख डाले दे डाली सलाह उड़ते आँचल को संभालने की। नायिका भी … Read more

विश्व तुम्हारा करता वंदन

डॉ.नीलिमा मिश्रा ‘नीलम’  इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) ************************************************************** शाक्यवंश में जन्म लिया था, सुख से जीवन खूब जिया था वैभव पूर्ण सुखी जीवन को, क्यों तुमने धिक्कार दिया था ? यशोधरा की प्रीत को छोड़ा, राहुल पुत्र से नाता तोड़ा निकल पड़े तुम किस तलाश में, राजधर्म से क्यों मुख मोड़ा। उमड़ पड़ी थी मन में … Read more

खुशी

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** जीवन आधार है खुशी, सुखद उदगार है खुशी। कौन गम से दो-चार चाहता है होना, सभी का प्यार है खुशी। माता-पिता प्रथम कहलाना सौभाग्यसंग खुशी, संतान को खिलखिलाते देख मिलकर खिलखिलाना, अंदाज यै ख़ुशी। अपनी खुशी में तो, यह मिलती ही है। औरों की तरक्की से मिले उदारता संग … Read more

आषाढ़ का एक दिन और मल्लिका

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ आषाढ़ का एक दिन मोहन राकेश जी का प्रथम ऐतिहासिक नाटक है,जो रंग शिल्प सम्बन्धी संभावनाओं के नए क्षितिज खोजता प्रतहत होता है। प्रत्येक लेखक का अपना जीवन दर्शन होता है,जिसे वह जीवन के विविध आयामों में स्पर्श करना चाहता है। मल्लिका आषाढ़ का एक दिन नाटक में मोहन राकेश … Read more