माँ तू कितनी प्यारी है

मालती मिश्रा ‘मयंती’ दिल्ली ******************************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… हे मात तुझे शत-शत वंदन, शब्दों से करती अभिनंदन। गर पा जाऊँ एक अवसर मैं, कर दूँ तुझ पर जीवन अर्पण।…

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माँ

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… हो जिसके पैरों तले 'स्वर्ग' धरती-सी सहनशीलता जिसमें समाती है, खुद भूखा रहकर जो,बच्चे को खिलाती है गीले बिस्तर की…

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मेरी माँ सबसे बढ़कर

सोनू कुमार मिश्रा दरभंगा (बिहार) ************************************************************************* मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… जननी बन जन्म देकर उसने मुझे यह संसार दिया, दुःख झेला खुद सारा,लेकिन मुझे बहुत प्यार दिया। अमृत जैसे दूध…

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करता जा सतकर्म तू

मालती मिश्रा ‘मयंती’ दिल्ली ******************************************************************** करता जा सतकर्म तू,बाधा दे बिसराय। बाद अँधेरी रात के,भोर किरन मुस्कायll रोकेंगी तेरी डगर,दुश्वारियाँ हजार। ध्यान लगा तू लक्ष्य पर,बाधा देहि बिसारll माटी की…

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अपनी धुन

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** कोई मैं तो अपनी ही धुन करना दुनिया से क्या ? भक्ति रस लागी लगन करना दुनिया से क्या ? मेरी भक्ति का एतबार…

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सिसकता किसान

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** भंडार अन्नपूर्णा का बढ़ाएं, खेतों से काट फसलें जमा करता है खलिहान, कोटि-कोटि जनता का अन्नदाता है मगर अपने ही घर में, सिसकता किसान...,सिसकता…

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छुपो नहीं किवाड़ में

डॉ.नीलिमा मिश्रा ‘नीलम’  इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) ************************************************************** (रचना शिल्प:१२१ २१२ १२१ २१२ १२१ २१२) चले जो लेखनी लिखे नवीन छंद कल्पना, समाज को मिले दिशा करूँ नवीन सर्जना। चुनाव की…

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इस धरा को स्वर्ग बनाएंगे

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… हम छोटे-छोटे प्यारे बच्चे, कोमल टहन से सीधे सच्चे। नित आगे बढ़ते रहना है, दुःख-दर्द सभी के सहना है। मुझे…

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विपदा भू पर आई

मालती मिश्रा ‘मयंती’ दिल्ली ******************************************************************** विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… धरती से अम्बर तक देखो, घटा धुएँ की छाई। दसों दिशाएँ हुईं ष्रदूषित, विपदा भू पर आई। नदियाँ-नाले एक हो…

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सीख गई सबक निम्मी

निशा सतीशचन्द्र मिश्रा यामिनी मुंबई(महाराष्ट्र) ************************************************ निम्मी अभी कॉलेज से आती ही होगी, यह सोच जल्दी-जल्दी घर के काम को आभा निपटाते हुए जल्दी से किचन में जाकर दोपहर के खाने…

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