सतर्क भारत,समृद्ध भारत

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)***************************************************** किसी भी राष्ट्र के निर्माण में प्रमुख महत्व वहाँ के लोगों के उत्साह एवं निष्ठा का ही होता है। राष्ट्र के लोग जब आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प के साथ अपने किसी लक्ष्य की ओर चल निकलते हैं,उस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए समुचित साधनों,तकनीकों और व्यवस्थाओं आदि का सर्जन सहज ही … Read more

प्रेम व्यवहार

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)******************************************************* प्रेम व्यवहार है,जीवन का आधारयही है इस,जीवन का सार। दो शब्द प्रेम के,बोलने सेपराये हो जाते हैं अपने,क्रोध से बोलने परदूर हो जाते हैं अपने। जो रखता है,सबसे प्रेम व्यवहारसारा जग उसको,करता है प्यार। हम जैसा करते हैं,उसका वैसाप्रतिफल मिलता है,प्रेम बांटने से हमेंप्रेम ही मिलता है। सब-कुछ मिल जाता … Read more

गुमनामी से भारत को उबारा

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)***************************************************** हर दिल में विकास की ललक जगाई किसने ?नीतियों को परिष्कृत करके संवारा किसने ?विश्व के मंच पर गुमसुम खड़े एक कोने में,गुमनामी से भारत को उबारा किसने ?काले धन वालों पर प्रभावी लगाम कसी किसने ?जी.एस.टी. सा कर सुधार लाया कौन ?विश्वभर में फैले समर्थ भारतीयों में,आत्मविश्वास,गौरवभाव जगा आया कौन … Read more

मायने रखते हैं बिहारी भी,अपमान अनुचित

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)******************************************************************* गलवान की घाटी में माँ भारती की रक्षा करते हुए बिहार रेजिमेंट के २० योद्धा लड़ते-लड़ते शहीद हो गये। भारतीय संविधान को लिखने की अंग्रेजों की चुनौती को स्वतंत्र भारत के प्रथम महामहिम स्व. डॉ.राजेन्द्र प्रसाद ने विजयी अंदाज में स्वीकार किया,जो ठेठ बिहारी थे। ऐसा बिहार जो कभी भी भारत … Read more

यादों के साए

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)******************************************************************* हर आदमी,यादों के साए मेंजीता है,ख़ुशी या गम केआँसू पीता है। हमने जिन्हें चाहा,हमारे हो नहीं पाएअब है जिंदगी में,उनकी यादों के साए। मैंने हर जगह,रखा है उनकीयादों का हिसाब,शब्द हो याकागज और किताब। ज़िन्दगी से तो,तू निकल गयीमेरी यादों से,कौन निकालेगाये पागल आशिक,तेरी यादों के साए मेंज़िंदगी गुज़ार लेगा। … Read more

टूटे दिल की पीर

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)******************************************************************* दिल टूटने पर जैसे,सपना टूट जाता हैकोई अपना,हमसे छूट जाता है। जिनको चाहा था,दिल सेहमें तन्हा छोड़ गए,हमसे मुँह मोड़ लिएज़माने के साथ,चल दिए। उसने मेरा दिल है,ऐसे तोड़ाकि ख्वाबों में भी,अब रिश्ता नहीं जोड़ा। जी भर जाने के बाद,लोग छोड़ देते हैंऔर बेवफा बनकर,दिल तोड़ देते हैं। पहले दिया … Read more

कोशिश करके तो देख

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)******************************************************************* रोक सकता है तू लहरों को,कोशिश करके तो देखlलौटा सकता है तू तूफ़ां को,कोशिश करके तो देखI यह दुनिया जो कोसती है रात-दिन तुझे,सीने से लगायेगी एक दिन,कोशिश करके तो देखI क्यूँ फंसता है संभव-असंभव के फेर में,कर सकता है सब-कुछ,कोशिश करके तो देखI मुसीबतें खड़ी हैं जो सीना ताने तेरे … Read more

क्या लेना चाहेंगें आप ?

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)******************************************************************* हाज़िर हूँ जनाब,कहिये क्या लेना चाहेंगें आप ?सोना-चाँदी तो हर कोई खरीदता है,आईये मुझसे लीजिए,कुछ ज़ज्बे,कुछ सपने,कुछ दर्द,कुछ आँसू।जी हाँ,बहुत कुछ है मेरे पास,आपके वास्तेमगर आप तो ठहरे,पढ़े-लिखे शरीफ खरीदार,तो आप ये लीजिए-मजलूमों पर जुल्म की तस्वीरें,निहत्थों की हत्या की मिसालेंभूख और बहाव का नंगा तांडव,बेकसूरों की जिंदा मौत की दास्ताँ।ये … Read more

प्राकृतिक सुधार

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)******************************************************************* इतिहास के पन्नों में उलट-फेर हो रही है…,वक़्त करवट ले रहा है,एक नई भोर हो रही है…दौड़ती थी जिंदगी जिस रोटी के नाम,सुना है उस रोटी में भी आजकल देर-अबेर हो रही हैIगुनाह किसका है,सजा किसे मिली,किसे जिंदगी,किसको मौत मिलीकिस से जाकर मैं ये सवाल करुँ,किसके आगे मैं बवाल करुँ…।अखिल विश्व … Read more

शौर्य प्रतीक महाराणा प्रताप

गोपाल मोहन मिश्र दरभंगा (बिहार) ******************************************************************************** ‘महाराणा प्रताप और शौर्य’ स्पर्धा विशेष………. अकबर की इस बात से हर कोई हैरान था, प्रताप को झुकाने के लिए आधा हिन्दुस्तान देने को तैयार थाI पर मेवाड़ी सरदार को अपनी स्वतन्त्रता से प्यार था, इसलिए उसकी लालच भरी शर्त से इन्कार थाI हल्दीघाटी के युद्ध में, प्रताप की … Read more