तुम्हारे शहर में…
मोहित जागेटिया भीलवाड़ा(राजस्थान) ************************************************************************** तुम्हारे शहर में हर कोई बदनाम है, कत्ल भी अब रोज यूँ ही ये सरेआम है हर रोज बिक जाता ख़ुद के स्वार्थ में कोई, यहाँ नहीं किसी की कीमत का अब दाम है। प्रकाश में भी अंधकार की छाया रहती, देखो ये कैसी आज सुबह और शाम है ? मनमर्जी … Read more