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हिंदी भाषा

मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा(राजस्थान)
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हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष………………..

मैं हिंदी माँ का बेटा हूँ हिंदी का सम्मान लिखूँगा,
मैं अपने गीत,ग़ज़ल,कविता से ये पहचान लिखूँगा,
आज मुझे हिंदी की बिंदी का जो भी प्यार मिला है-
हिंदी के पंख पर आसमान में उड़ान लिखूँगाl

हिंदी हम सबकी शान हो हिंदी भाषा से प्यार हो,
हिंदी से रिश्ता हम बनाने को हिंदी से व्यवहार हो,
हिंदी डोर है जो हम सबको अपनों में बांधती है-
सदा करें हम सम्मान इस भाषा का बस विस्तार हो।

शब्द-शब्द हिंदी के हर शब्द का हमको भी ज्ञान हो,
हिंदी भाषा से संस्कारों और संस्कृति का गान हो।
ह्रदय के भावों का शब्दों की आवाज का साज हो-
हिंदी पर हमको अभिमान हिंदी भाषा पहचान हो।

हिंदी को मान-सम्मान मिलें आज ये अभिलाषा हो,
राष्ट्र उन्नति में हिंदी भाषा हमारी अब आशा हो,
हिंदी की बिंदी का परचम सारे जग पर छा जाए-
हम हिंदी को अपनाएं ये हमारी राष्ट्रभाषा हो।

परिचय–मोहित जागेटिया का जन्म ६ अक्तूबर १९९१ में ,सिदडियास में हुआ हैl वर्तमान में आपका बसेरा गांव सिडियास (जिला भीलवाड़ा, राजस्थान) हैl यही स्थाई पता भी है। स्नातक(कला)तक शिक्षित होकर व्यवसायी का कार्यक्षेत्र है। इनकी लेखन विधा-कविता,दोहे,मुक्तक है। इनकी रचनाओं का प्रकाशन-राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में जारी है। एक प्रतियोगिता में सांत्वना सम्मान-पत्र मिला है। मोहित जागेटिया ब्लॉग पर भी लिखते हैं। आपकी लेखनी का उद्देश्य-समाज की विसंगतियों को बताना और मिटाना है। रुचि-कविता लिखना है।

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