दर्पण
बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************************** झूठ नहीं है बोलता,दर्पण सच्चा मित्र।सभी दिखा देता यही,भूत समय का चित्रll कोई बच पाता नहीं,दिखलाता तस्वीर।भस्म छिपा ज्यों आग हो,मानव जो गंभीरll सोच-समझ सब कर्म हो,दर्पण से बच यार।नहीं छिप सकता कभी,जो भी हो संसारll पाप-पुण्य लेखा सभी,होते उसके पास।सोच-समझ करना सभी,कर्म धीर विश्वासll ये मन दर्पण-सा लगे,देख न … Read more