मानव और मानवता आज के युग में

कविता जयेश पनोतठाणे(महाराष्ट्र)**************************************** जीवन के हर पल-पल पर,समय नया रंग ला रहा हैआज के इस कलयुग में,मानव पिछड़ता जा रहा है।समय के इस परिवर्तन में,सब-कुछ बदलता जा रहा हैसंस्कृति के साथ जुड़ा वो अटूट रिश्ता,जो मानवता का प्रतीक था,अंधविश्वास की डोर में बंधकर,उलझता जा रहा है।समय के परिवर्तन के साथ,सब-कुछ बदलता जा रहा हैवो धर्म,वो … Read more

अपने-आपमें खो जाना चाहती हूँ

कविता जयेश पनोतठाणे(महाराष्ट्र)************************************************** मैं अपने-आपमें खो जाना चाहती हूँ,बहुत हो चुका समझौता खुद सेअपने जीवन के चंद लम्हों को,अपना…सिर्फ अपना बनाना चाहती हूँ।अब कोई ख्वाब टूटे,अब कोई आह दिल से निकलेउससे पहले मैं अपने-आपको,दुनिया से दूर,अपना बनाना चाहती हूँ।अब में अपने जीवन की कल्पनाओं को,अपनी हर एक भावना कोअपने जीवन के चित्रों में सजाना चाहती … Read more

मन का मैल

कविता जयेश पनोतठाणे(महाराष्ट्र)************************************************** मन का मैल धुला नहीं,उबटन लगाए क्या फायदा…आँखों में नफरत की कालिख बटोरे,मुख से मीठे बोल बोलने,दिल के भेद न छुप पाएंगे,यूँ दुनिया के सामने…प्यार दिखाने से क्या फायदा।अँधेरे में जीते हुए कट रही जिन्दगी हो,नफरतों से जल रही हो वक्त की हर घड़ी।तो दीवाली हो या हो,कोई और उत्सव,फिर दीप जलाने … Read more

तू ही तो मेरी जिंदगी

कविता जयेश पनोतठाणे(महाराष्ट्र)************************************************** तू ही तो मेरी जिन्दगी का राग है,तू ही अगन में शीत-सातू ही तो अंधेरों में उजाला है,तू ही मेरी जिन्दगी के जश्न कामधुर मय से भरा प्याला है।तू ही तड़प है जिस्म की,है तू सुकूँ रूह कातू ही अँखियों की नमी है,तू ही चेहरे की लालीतुझ बिन मूर्छित,ये जीवन की जमीं … Read more

नारी का सम्मान

कविता जयेश पनोतठाणे(महाराष्ट्र)************************************************** नारी तुम शक्ति अटल हो,सृष्टि का तुम भुजबल होlतुम ही सरिता से सरल रूप-सी,तुम ही तुंग हिमाचल होlतुम लहलहाता प्रेम का आँचल हो,नारी तुम शक्ति अटल होlतुम ही जगदम्बिका भवानी हो,तुम ही लक्ष्मीबाई महारानी हो।तुम ही महादेवी वर्मा हो,तुम ही कल्याणी हो।जब-जब आई जीवन में,तुम रही सबके हृदय में।घबराई नहीं तुम कभी … Read more

हम सब पेड़ लगाएँ

कविता जयेश पनोतठाणे(महाराष्ट्र)************************************************** आओ हम सब पेड़ लगाएँ,धरती को उज्जवल बनाएँ…धरती को निर्मल बनाएँ।हम बच्चों की धरती माता,कितना पवित्र है यह नाता…आओ इस नाते को निभाएँ।कृषि प्रधान यह भारत भूमि,आओ इसे पेड़ों से सजाएँ…आओ इसे फूलों से महकाएँ।कितनी अच्छी है यह धरती,जीवनभर सुख देती हैबिन मांगे यह अपना सब-कुछ,हमको दे देती है।आओ इस भारत भूमि … Read more

आखिर क्यों ?

कविता जयेश पनोतठाणे(महाराष्ट्र)******************************************************** बचपन में गुड्डे-गुड़िया के खेल में,सीखा था रिश्ते बनाना,निभानालेकिन वो दौर ही कुछ अलग था,जहाँ न कोई शर्त थी,न सवाल थेlन अहम था,न कोई बन्धन का आभास,सिर्फ प्यार,उत्सुकता और मौज सेमासूमियत का पहन लिबास,हर रिश्ता निभा लिया जाता था।हर पड़ाव जिन्दगी का,चाहे बचपन हो,या जवानीया हो बुढ़ापे की कहानी,इस अनूठे खेल में … Read more

द्वंद

कविता जयेश पनोतठाणे(महाराष्ट्र)******************************************************** मन के सागर में,हर पल उफनता एक तूफान-साविचारों और जज्बातों का द्वंद है।हर एक लहर में छुपा एक,भाव हजारों वेगों में लिपटमन के गलीचे में बंद है।कभी खुशियों की बयार संग उफन जाता है,कभी गम के गरल में खामोशएक लहर बन,बहता जाता है।मन के सागर में मोती हजार,जिनके कई रंग है।कोई खुशियों … Read more

गर्व है हमें

कविता जयेश पनोतठाणे(महाराष्ट्र)********************************************************** हिन्दी दिवस विशेष…… हम हिन्दुस्तानी,हिन्दी हमारी भाषा,हिन्दी है जुबानी।हिंदुस्तानियों के दिलों कोबयाँ करती है लफ़्जों में।साहित्यकारों की ये,तलवार है।जिसकी भाषा में मोल है,उसका साहित्य जगत मेंनाम अनमोल है।हिन्दी है देवों की भाषा,वेदों,उपन्यासों में लिखी गईहिन्दी में गाथा।हर हिन्दुस्तानी के दिल की,कहती कहानी,जुबानी।गर्व है हमें,हिन्दी हमारी मातृभाषा है,और गर्व है कि हम,हैं हिन्दुस्तानी॥

वसीयत:पत्र बेटी के नाम

कविता जयेश पनोतठाणे(महाराष्ट्र)********************************************************** मेरी प्यारी बेटी,इस छोटे से पत्र में आज अपनी जिन्दगी भर की धरोहर लिख रही हूँ। इसमें वो कानूनी कागजों का तमाम खुलासा नहीं,लेकिन मेरे जीवन के चलचित्रों का वर्णन है।जो सिर्फ और सिर्फ मेरी धरोहर है,जिसे मैंने अपने कलेजे में पाला है,अपनी पलकों तले आँखों का काजल बना सजा के रखा,अपनी … Read more