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तू ही तो मेरी जिंदगी

कविता जयेश पनोत
ठाणे(महाराष्ट्र)
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तू ही तो मेरी जिन्दगी का राग है,
तू ही अगन में शीत-सा
तू ही तो अंधेरों में उजाला है,
तू ही मेरी जिन्दगी के जश्न का
मधुर मय से भरा प्याला है।
तू ही तड़प है जिस्म की,
है तू सुकूँ रूह का
तू ही अँखियों की नमी है,
तू ही चेहरे की लाली
तुझ बिन मूर्छित,
ये जीवन की जमीं है।
तू दिन में आँखों का काजल है,
तू ही रातों में ख्वाब है
तू बचपन के प्रिय खिलौने-सा,
तुझे पाकर भी डर खोने-सा।
तू जीवन से लेकर मृत्यु तक,
तू बंधन प्रारब्ध से अनन्त तक
तू स्वांसों का सार है,
तू हृदय की धबकार है।
तू दुनिया के लिए एक जीव है,
तुझसे ही जीवन का हर किस्सा है
तू है तो संसार है,
तू न हो तो जीवन नहीं,
तू ही काया का सार है।
तू ही तो है सब-कुछ,
मुझमें तू है या,
में हूँ तुझमें,
बस अब ये ही एक सवाल हैll

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