जरूरी है…

प्रदीपमणि तिवारी ध्रुव भोपाली भोपाल(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** आम को अब ख़ास होना भी जरूरी है। इसलिए अब आज रोना भी ज़रूरी है। सब मिले खैरात में मुमकिन नहीं शायद, कर मशक्कत बोझ ढोना भी जरूरी है। काटना है फ़सल ग़र इंसानियत की तो, फिर लहू से सींच बोना भी ज़रूरी है। ग़म जहां के भूल सपने देखना … Read more

कहां है मुंसिफ…

प्रदीपमणि तिवारी ध्रुव भोपाली भोपाल(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** वो बेग़ुनाह कहे खुदा तमाम कहां। कहां है मुंसिफ यार तामझाम कहां। फ़क़त इरादों में बसा रखा था जो, हमी हैं साहिब वो मगर ग़ुलाम कहां। उधार मांगी थी ज़रा-सी साँसें बस, किया ज़िबाह मगर खुदा-ए-आम कहां। सहर हुई औ रोज़ शाम शाम हुई, जो पुरखुलूस कराए दीद शाम कहां … Read more

दिले-दर्द अपना सुनाते नहीं

प्रदीपमणि तिवारी ध्रुव भोपाली भोपाल(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** (वज़्न-१२२×३-१२, अर्कान-फऊलुन×३-फआ) बुलाए बिना हम हैं जाते नहीं। अग़र बोझ समझा निभाते नहीं। अदब से मिले जो भी मंज़ूर वो, कि ख़ैरात को हम उठाते नहीं। बरस बीत जाएं नहीं बात हो, दिले-दर्द अपना सुनाते नहीं। कई ज़ख़्म दिल में बता ना सकें, उधारी का मरहम लगाते नहीं। सियासत नहीं … Read more

जल छोड़ो बादल

प्रदीप कान्त इन्दौर (मध्यप्रदेश) ********************************************************************* ख़ुद को ज़रा निचोड़ो बादल, धरती पर जल छोड़ो बादल। सावन जैसा सावन तो हो, गर्व तपन का तोड़ो बादल। प्यासी नदिया पास बुलाती, ऐसे ना मुँह मोड़ो बादल। आज ज़रूरत ज़्यादा है कुछ, जल में जल को जोड़ो बादल। जम-जम बरसो,थम-थम बरसो, सूखा छोड़ न दौड़ो बादल॥

पावस आगमन

प्रदीपमणि तिवारी ध्रुव भोपाली भोपाल(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** पावस का आगमन स्वागतम् करेंगे हम, तापमय बिछोह जो हिय का वो हरेंगे हम। मेघ संग में मयूर नृत्य कर रहा रमण, मेघ गर्जना के संग भाव हिय भरेंगे हम॥ पुष्प बाग में लताएँ पुष्प खिलखिला रहे, ज्यों बिछोह मिट गया दिल से दिल मिला रहे। भाव भंगिमा के संग … Read more

बेवक्त में सहारा नहीं मिलता

प्रदीपमणि तिवारी ध्रुव भोपाली भोपाल(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** हर गली में शिवाला नहीं मिलता। रौब वाला दुशाला नहीं मिलता। खोजने से उजाला नहीं मिलता। भूख मे हो निवाला नहीं मिलता। यूँ ठिकाने बहुत मिल गये होंगे, बेवक्त में सहारा नहीं मिलता। भीड़ के बीच हों हम हजारों के, डूबते को किनारा नहीं मिलता। दम भरें हम सभी हैं … Read more

दिल से लगा लिया

प्रदीपमणि तिवारी ध्रुव भोपाली भोपाल(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** हमने तुम्हारे नाम की माला बना लिया। जपना तुम्हारा नाम ये बीड़ा उठा लिया। दिल ने कहा जो दरमियां अपने कहीं न है, माना तुम्हें है यार भी दिल में बिठा लिया। आसां नहीं ये इश्कदां होना ग़ुनाह भी, हमने किया है शक्ल में खुद के लिखा लिया। दीवानगी है … Read more

जिंदगी

प्रदीपमणि तिवारी ध्रुव भोपाली भोपाल(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** (रचना शिल्प:बह्र/अर्कान-२१२×४-फाउलुन×४) ज़िन्दगी आजमाती है इंसान को। वो परखती है इंसाँ के ईमान को। ज़िन्दगी हादसा खूबसूरत कहें, ज़िल्लतें बस दिखें यार नादान को। आम औ ख़ास दुनिया में सब लुट रहे, लूटने कुछ चले आज भगवान को। आसमाँ से बड़े भी मुख़ातिब हुए, जो ख़ुदा कह रहे आज धनवान … Read more

दिल हमारा खो गया

प्रदीपमणि तिवारी ध्रुव भोपाली भोपाल(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** (रचना शिल्प:बह्र/अर्कान-२१२२×३-२१२-फाइलातुन×३-फाउलुन)  हुस्न उनका चाँद से ज्यादा नशेमन हो गया। दिल हमारा याद में उनके उन्हीं पे खो गया। जब नज़र उन पे गई तोआशिकाना दिल हुआ, इश्क में डूबे सनम फिर होश मेरा तो गया। शर्बती आँखें कहें या फिर नशीली ही कहें, देख उनका जादुई लहजा असर तन … Read more

दिल मिलाना चाहिए

प्रदीपमणि तिवारी ध्रुव भोपाली भोपाल(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** (रचना शिल्प:बह्र/अर्कान-२१२२×३-२१२-फाइलातुन×३-फाउलुन) सिलसिला यारी निभाने का चलाना चाहिए। टूटने वाले दिलों को भी मिलाना चाहिए। क्यों हुए तन्हा जमाने में कई हैं शख़्स जो, उन ख़ताओं का पता हमको लगाना चाहिए। ज़िन्दगी शिकवा-ग़िला में कीजिए जाया नहीं, फ़र्ज जो इंसानियत का वो निभाना चाहिए। हम यतीमों के मसीहा भी बनें … Read more