शिव तत्व को आत्मसात करता पंचमुखी मंदिर

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)******************************************** महाशिवरात्रि विशेष……….. देव-भूमि हिमाचल में कण-कण में भगवान शिव विराजमान हैं,बस आपको अपने भीतर शिव तत्व को आत्मसात करने की आवश्यकता है। जब आप ईश्वर का साक्षात्कार पा जाते हैं तो फिर आप बाहरी आडंबर,उनकी परिकल्पना से परे हो जाते हैं।हिमाचल प्रदेश के जिला सोलन में नालागढ़ क्षेत्र के अंतर्गत भगवान … Read more

अब और…नहीं

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)******************************************** सिमटी-सिमटी जिंदगी में बसर,अब और नहीं…अब और नहीं। ठहरी-ठहरी राहों का सफ़र,अब और नहीं…अब और नहीं। बांध ले अपनी हिम्मत को,तिल-तिल मरना,अब और नहीं…अब और नहीं। सिमटी-सिमटी राहों में बसर,अब और नहीं…अब और नहीं। आशाओं के दीए जला ले,निराशा को दूर भगा ले,अब और नहीं…अब और नहीं। वक्त बदलेगा,बदलना होगा…वक्त को।अब … Read more

खून की मांग

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)******************************************** सुभाष चंद्र बोस जयंती (२३ जनवरी)विशेष…. ‘खून मांग’ कर आजादी के,सपने को साकार किया।सुभाषचंद्र बोस ने आज़ाद,भारत का निर्माण किया॥ ‘खून मांग’ कर आजादी के,सपने को साकार किया।कौन…भुला पाएगा,मातृभूमि के सपूत ने…जो किया।होकर खड़े अकेले,‘आजाद हिंद’सेना को साकार किया॥ ‘खून मांग’ कर आजादी के,सपने को साकार किया।भीख में नहीं मिलती आजादी,जीवन … Read more

रोते-रोते हँसा

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)************************************************ उस दिन…मैं रोते-रोते हँसाजिंदगी के उस दौर में,…जब…हकीकतों का सामना हुआ।खुद से,लड़ते-लड़ते जबखुद का सामना हुआ। उस दिन…आईने में,खुद को देख करमैं रोते-रोते हँसाl क्यों…?डर को निकाल नहीं पाते,हार जाओगे,यह सोच कर।क्यों…?जीत की बाजी नहीं लगातेl उठो…!!अब जवाब देना है,तमाम सवालों का हिसाब देना है।उन जवाबों की तलाश में,उस दिन मैं … Read more

उदासी से…परे

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)************************************************ चाहे,जिंदगी उदास हो…उदासी भरा दिन,उदासी भरी एक लंबी रात हो…वही जिंदगी की,चक्की पर चलतीदिन और रात के कामों की,हर दिन की तरह वही लिस्ट हो। चाहे,जिंदगी उदास हो…गलियों से गाँव…गाँव से शहर…फिर चाहे!शहर से जंगल तक उदास हो…एक धुंध में पसरी हुई,जिंदगी की हर आस उदास हो। सुनना खामोशियों के शोर,और … Read more

बाल श्रम…शर्म

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)****************************************************************** ‘बाल श्रम दिवस’ १२ जून विशेष मेहनत कर करता गुजाराजीवन का कर्म एक सहारा।किस्मत ने किया जिसे वरण,बाल-श्रम की व्यथा मर्म-मर्म। हर कोई है दुत्कार जाता,कोई प्यार से कभी पास बुलाता।छोटे हाथों के बड़े कर्म,बाल-श्रम की व्यथा शर्म-शर्म। जीवन के संघर्ष से लड़ता,अपने फर्ज को पूरा करता।बचपन खेल के बस रहे … Read more

विकास ही नज़र आएगा

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)****************************************************************** फिर भी देशवासियों,किसे क्या…नजर आएगाविकास ही नज़र आएगा। आज़ादी के मूल्यों का,देश क्या-क्या मूल्य चुकाएगा।अब तक देश ही जानता है,राजनीतिक दलों द्वाराकितना घसीटा जाएगा।फिर भी देशवासियों,विकास ही नज़र आएगा॥ सभ्यता की आड़ में,विदेशी रंग चमचमाएगा।अपना देश गंदा,विदेश साफ ही नज़र आएगा।मेरा भारत झाड़ू पकड़ के,‘स्वच्छता अभियान’ चलाएगा।फिर भी देशवासियों,विकास ही कहलाएगा॥ … Read more

वीर प्रताप…राणा

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ****************************************************************** ‘महाराणा प्रताप और शौर्य’ स्पर्धा विशेष………. वीर भूमि राजस्थान का, वह वीर प्रताप वह राणा था। जिसके साहस से काँप गया, अकबर ने लोहा माना था। सात फुट के वीर का, ७२ किलो का भाला था। २०० किलो का कवच पहनकर, चेतक पर चलता आजादी का वीर मतवाला था। … Read more

मुझे…अफसोस रहेगा

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ****************************************************************** जिदंगीयों को, अंधविश्वासों से दूर ले जाता। प्यार से जिंदगी है, यह बात समझा पाता।   विश्वास का, एक छोटा-सा ही सही… पर…एक घर बना पाता।   समझ कर भी, न-समझी का खेद रहेगा… मुझे…अफसोस रहेगा।   अंधेरे दूर हो जाएं, दिल-दिमाग से भरम के। अंधविश्वास की सोच से, … Read more

कठपुतलियां

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ********************************************************************** कठपुतलियां हैं, जीवन के रंगमंच की। जुड़ी हैं जिन धागों से, जो सभी के धागों को नचाता है। किसी को, वो कठपुतली वाला नजर नहीं आता है। ढील देता है सबको, अपने-अपने किरदार में परखता है हर इंसान को, अपने दिए हुए संस्कार सेl देखता रहता है सबको , … Read more