आस्था

राजबाला शर्मा ‘दीप’ अजमेर(राजस्थान) ******************************************************************************************** चौराहे पर चाय की दुकान पर कुछ व्यक्ति बैठे चाय पी रहे थे। पास में शिव मंदिर भी था। कुछ महिलाएं मंदिर में पूजा-अर्चना कर घर लौट रही थीं। उन्हें देखकर चाय की चुस्की लेते एक व्यक्ति ने कहा,-“औरतें भी क्या खूब हैं ? पत्थर के महादेव पर पानी डालकर … Read more

बादल मुझे बना दो राम

राजबाला शर्मा ‘दीप’ अजमेर(राजस्थान) ******************************************************************************************** विश्व बाल दिवस स्पर्धा विशेष……….. बादल मुझे बना दो राम, नभ की सैर करा दो राम। उमड़-घुमड़ कर नीलगगन की, छाती पर लहराता जाऊं गोद में भरकर बिजली को मैं, मन ही मन इतराता जाऊं दूर-दूर तक चलता जाऊं, कभी करूं न मैं विश्राम। बादल मुझे बना दो राम… हिमगिरी … Read more

योग्या

राजबाला शर्मा ‘दीप’ अजमेर(राजस्थान) ******************************************************************************************** किसी कारणवश आज समाजशास्त्र के प्रोफेसर नहीं आए थे। अतः सभी विद्यार्थी उद्यान में बैठकर विचार-विमर्श कर रहे थे। तभी दूर बैठी लड़कियों को देखकर एक विद्यार्थी ने कहा,-“तुम सभी पत्नी के रूप में कैसी लड़की चाहते हो ?” समूह में से एक विद्यार्थी बोला,-“नव्या! यानी ऐसी पत्नी जो रोज … Read more

इन्तज़ार

राजबाला शर्मा ‘दीप’ अजमेर(राजस्थान) ******************************************************************************************** ज़िंदगानी के सफ़र में एक अजब राही हैं हम, पास आई ठुकरा दी मंजिल,और फिर ढूंढा किए। उनकी गली से यूँ तो,हम हैं गुजरे बेशुमार, उनके घर के सामने,उनका पता पूछा किए। इस सादगी पर उनकी,मैं क्या कहूं कोई कहे, गैर की चर्चा वह मेरे सामने किया किए। साथ वो … Read more

आदमी

राजबाला शर्मा ‘दीप’ अजमेर(राजस्थान) ******************************************************************************************** आदमी,आदमी से पलता है, आदमी,आदमी से चलता है। एक नयी चीज और है देखी, आदमी,आदमी निगलता है। सामने तो सौ-सौ बात करते हैं, राह में भी सलाम करते हैं। पीठ फिरते ही लो छुरा घोंपा, आदमी,आदमी से जलता है। आदमी दर्द भी,दवा भी है, आदमी खुदगर्ज भी खुदा भी है। … Read more

अपना घर

राजबाला शर्मा ‘दीप’ अजमेर(राजस्थान) ******************************************************************************************** बहुधा हिंदू समाज में लड़कियों को यह बात घुट्टी में पिला दी जाती है,- “ससुराल ही उनका असली घर है।” मंजरी भी यही घुट्टी पीकर अपने ससुराल आई थी। थोड़े दिन बाद उसने अपने पति से पूछा,-“मेरा घर कहां है ?” कौशल ने उसे समझाते हुए कहा,-“मेरा नहीं,हमारा घर। यह … Read more

चार कुत्ते

राजबाला शर्मा ‘दीप’ अजमेर(राजस्थान) ******************************************************************************************** तीन कुत्ते आपस में बात कर रहे थे,चौथा कुत्ता चुप था। पहला कुत्ता बोला, -“तू चुप क्यों है,तेरा मालिक तो तुझे अपने बच्चे की तरह प्यार करता है। बढ़िया खाना खिलाता है।” दूसरा कुत्ता बोला,-“मेरा मालिक तो कंजूस है,पर मालकिन अच्छी है। मालिक से चुपचाप छिपाकर मुझे अच्छा खाना खिलाती … Read more

जिंदगी के रंग…

राजबाला शर्मा ‘दीप’ अजमेर(राजस्थान) ******************************************************************************************** कैसे-कैसे रंग दिखाती है जिंदगी, सपने मिटाती और सजाती है जिंदगी। हमने तो कसके के बांध के रखा था जेब में, रेत-सी हाथों से फिसल जाती है जिंदगी। हमको तो बद्दुआओं की आदत-सी हो गई, तेरी दुआएं हमको सताती है जिंदगी। एक जख्म भरा भी नहीं कि दूसरा मिला, क्या … Read more

माँ तो बस माँ है…

राजबाला शर्मा ‘दीप’ अजमेर(राजस्थान) ******************************************************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… माँ तो बस माँ है, वंदन करूं सुबह-शाम देवों-सी महान जो, उसके हजार नाम। हिमगिरि सी ऊँची है सागर सी गहरी है, धरती-सी शीतल है पल्लव सी कोमल है, नेह की नदिया-सी बहती अविराम। माँ तो बस माँ है… प्रकृति-सा कर देती सब कुछ वह अर्पण, … Read more

‘मत’ की राजनीति

राजबाला शर्मा ‘दीप’ अजमेर(राजस्थान) ******************************************************************************************** वायदों की फेहरिस्त बनाकर, जनता को नेता लुभा रहे हैं। झूठे-झूठे दिखा के सपने, सबको मूर्ख बना रहे हैं। अच्छे दिन तो कभी न आये, ना ही अच्छे दिन आयेगें। भरमा अपने वाग्जाल से, वाह! वाह! अपनी करा रहे हैं। बेरोजगारों को वेतन भत्ता, खातों में जमा होगा पैसा। नौकरी … Read more