सावन में खुशियाँ मिलें

रोहित मिश्रप्रयागराज(उत्तरप्रदेश)*********************************** सावन के पावन अवसर पर,खुशियाँ मिले अपार।दिलों की दूरियाँ मिटे,और बढ़े सम्मान।अच्छा बीते हर दिन,हर पल,अच्छे रहें विचार।भोले की कृपा रहे हम सब पर,निर्मल रहे संस्कार।सफलताएं नित नर्ई मिलें,बधाई मिले हर बार।मंगलमय हो काज आपके,सुखी रहे परिवार।सावन के इस मौसम में,मेघा बरसे हर बार।

बढ़ता प्रदूषण,बढ़ता संकट

रोहित मिश्रप्रयागराज(उत्तरप्रदेश)*********************************** आज के आधुनिक युग में जैसे-जैसे लोगों की जरुरत बढ़ती जा रही है,वैसे-वैसे ही पर्यावरण पर लोगों की आकांक्षाओं का भार भी बढ़ता जा रहा है। नित नई सुख-सुविधाओं की चाहत में लोग उत्पादन साम्रग्री के दुष्प्रभाव से अनजान होकर उभोक्ता की भूमिका में पर्यावरण को संकट ग्रस्त कर रहे हैं।आज ऐशो-आराम के … Read more

बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद…!

रोहित मिश्रप्रयागराज(उत्तरप्रदेश)*********************************** बात लगभग २०१० की है,जब मैंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग में परास्नातक करने के लिए प्रवेश लिया। उस समय मैं बकायदा ढीली शर्ट और सामान्य पेंट पहनता था। ढीली-ढाली शर्ट पैंट पहनकर बकायदा गले में सफेद अंगौछा डालकर महाविद्यालय जाया करता था। मैंने शहर के ही इलाहाबाद विश्वविद्यालय से संबंधित महावीर प्रसाद … Read more

साइकिल लेकर छोड़ने चल दिए…

रोहित मिश्रप्रयागराज(उत्तरप्रदेश)*********************************** मेरे पिता जी की साईकल स्पर्धा विशेष….. बचपन में सभी लोग अपने पिता जी की साइकिल पर अवश्य बैठे होंगे,उसी प्रकार मैं भी साइकिल पर बैठता था। आज के जमाने में बच्चे अपने पापा की मोटरसाइकिल और कार में ही बैठ कर पार्क जातेहैं। उस समय पापा मुझे अपनी पतली टायर वाली साइकिल … Read more

सच्ची साथी…

रोहित मिश्रप्रयागराज(उत्तरप्रदेश)*********************************** विश्व पुस्तक दिवस स्पर्धा विशेष…… इंसान का कोई सबसे अच्छा साथी है,तो वो है ‘पुस्तक।’ पुस्तक से बढ़कर शायद ही कोई सच्चा साथी हो इंसान का इस दुनिया में। पुस्तक वो है,जो बालपन को दिशा देती है,तरुणावस्था को आज्ञा देती है। यौवनावस्था को कार्यक्षमता देती है, प्रौढ़ावस्था को जिम्मेदारियों को दूसरे के सुपुर्द … Read more

संविधान बिना देश की एकता-अखण्डता की कल्पना बेमानी

रोहित मिश्र,प्रयागराज(उत्तरप्रदेश)********************************************** किसी भी देश का संविधान उसकी रीढ़ के समान होता है। हर देश का एक संविधान होता है,जिसके अनुसार उस देश की व्यवस्था चलती है। सार्वजनिक नियम कानून को ही संविधान की संज्ञा दी जाती है। संविधान वैसे तो सभी देशों में होता है, परन्तु लोकतांत्रिक देशों में संविधान देश के लिए आक्सीजन … Read more

संकल्प

रोहित मिश्र,प्रयागराज(उत्तरप्रदेश)********************************************** सड़क हादसे में रवि अपना एक पैर गंवाने से पूरी तरिके से सदमे में आ चुका था। वही इकलौता घर में कमाने वाला सदस्य था। बुजुर्ग माँ-बाप भी परेशान हुए जा रहे थे कि अब उनके बेटे से शादी कौन करेगा ? रिश्तेदार और पड़ोसी भी धीरे-धीरे रवि के परिवार से मुँह फेरने … Read more

उसकी है सबको जरूरत

रोहित मिश्र,प्रयागराज(उत्तरप्रदेश)********************************************** नारी है प्रेम की मूरत,लगती है खूबसूरतभाती है उसकी सूरत,उसकी है सबको जरूरत। माँ है ममता की मूरत,बहन की प्यारी-सी सूरतपत्नी भी खूबसूरत,उसकी है सबको जरूरत। नहीं है अबला की मूरत,दिखती उसमें शक्ति की सूरतहर नारी दिखती खूबसूरत,उसकी है सबको जरूरत। सबको है उसकी जरूरत,उसकी है सबको जरूरत।नारी है प्रेम की मूरत,लगती है … Read more

पवित्र हदय ही उत्तम तीर्थ

रोहित मिश्र, प्रयागराज(उत्तरप्रदेश) ********************************************** भारतीय समाज में ये मान्यता है कि गंगा नदी में स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं। यानि आपके मन में अगर कुछ गलत विचार है तो गंगा स्नान करने से वे गलत विचार आपके मन से हट जाएंगे। इसका अर्थ ये नहीं है कि आप दिनभर गलत कार्यो में … Read more

सर्वांग दान कर दूँ

रोहित दाधीच कोटा(राजस्थान) ***************************************************** प्राण माँगे तो प्राण दान कर दूँ, भोग विलास रस जान दान कर दूँ एक बार कह कर तो देखे माँ भारती- दधिचि का वंशज हूँ सर्वांग दान कर दूँl परिचय-रोहित दाधीच राजस्थान राज्य के कोटा शहर के पार्श्वनाथ नगर विस्तार(बोरखेड़ा)में बसे हुए हैं। आपकी जन्मतिथि १८ मार्च १९९३ तथा जन्म … Read more