क्या तुझे भी दीवाना याद आता है…

सलिल सरोज नौलागढ़ (बिहार) ******************************************************************** कोई क़यामत न कोई करीना याद आता है। जब दुपट्टे से तेरा मुँह छिपाना याद आता है। एक लिहाफ में सिमटी न जाने कितनी रातें,…

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