भारतीय गणतंत्र की दास्तान कहती कृति `हम भारत के लोग`

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** भारतीय गणतंत्र की स्थापना के ७०वें साल में वरिष्ठ पत्रकार और शिक्षाविद् डॉ. देवेन्द्र जोशी की हाल ही में प्रकाशित कृति `हम भारत के लोग` में उनके द्वारा गणतंत्र की स्थापना से लेकर अब तक की यात्रा को सप्रमाण सचित्र उभारा गया है। पुस्तक की शुरूआत हम भारत के लोग … Read more

मार डाला…

संदीप ‘सरस’ सीतापुर(उत्तरप्रदेश) ******************************************************************* मुश्किलों से बच गए थे राहतों ने मार डाला। लक्ष्य को मेरे,सरलतम अवसरों ने मार डाला। दिल लगाना चोट खाना चोट खाकर मुस्कुराना, अंततः मुझको मेरी ही आदतों ने मार डाला। आड़ लेकर तीन वचनों की स्वयं जंगल गए थे, कैकई को राम के ही आग्रहों ने मार डाला। धर्म रक्षा … Read more

राजनीति में बीज गणित का सवाल-महाराष्ट्र

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** राजनीति करने वाली ताकतें सच में बेहद ताकतवर होती हैं। हम सोच भी नहीं सकते, उससे भी ज्यादा ताकतवर होती हैं। सिर्फ ताकतवर ही नहीं होती है,देश को जोड़ने, तोड़ने के साथ सरकारों को बनाने,बिगाड़ने और दिग्भ्रमित करने का इनमें अप्रतिम कौशल होता है। सरकार बनाना कोई मजाक या बच्चों … Read more

बैकुंठ चतुर्दशी पर हरिहर मिलन का अदभुत नजारा

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** भारतीय संस्कृति व्रतों,त्यौहारों और पर्वों की संस्कृति है। हर तिथि किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है और इन तिथियों के अनुसार देवी-देवताओं को श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए पर्वों का आयोजन किया जाता है। उनकी उपासना करते हुए हर्षोल्लास के साथ त्यौहारों को मनाया जाता है। कार्तिक मास की … Read more

दिवाली क्या गई,जीना हराम कर गई

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** दिवाली वैसे तो खुशी का त्योहार है,हर कोई चाहता है कि, उसके जीवन में दिवाली आए,पर कुछ लोगों को लगता है कि भगवान करे इस बार दिवाली नहीं आए,क्योंकि दिवाली आने के पहले ही उनको तनाव शुरू हो जाता है,और दिवाली के बाद तो उनका जीना हराम हो जाता है। … Read more

रावण ने `रक्ष संस्कृति` की स्थापना की

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** रावण को जन सामान्य में राक्षस माना जाता है,जबकि कुल,जाति और वंश से रावण राक्षस नहीं था। रावण केवल सुरों(देवताओं)के विरुद्ध और असुरों के पक्ष में था। रावण ने आर्यों की भोग-विलास वाली ‘यक्ष’ संस्कृति से अलग सभी की रक्षा करने के लिए ‘रक्ष’ संस्कृति की स्थापना की थी। इस … Read more

युग प्रेरक ग्रंथ है `महात्मायन` और `राष्ट्रमाता कस्तूरबा`

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** महात्मा गांधी के व्यक्तित्व,कृतित्व और अवदान पर आज भी लेखकों की लेखनी रूकी नहीं है,कवियों और वक्ताओं की वाणी थमी नहीं है। कर्मनिष्ठा,भावनिष्ठा और त्यागनिष्ठा को चरितार्थ कर गांधी ने एक ऐसी बडी लकीर खींची है जिसे अभी तक छोटी नहीं किया जा सका है। गांधी की कथनी और करनी … Read more

`हनी` की वैतरणी

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** सबसे बड़ा रोग क्या कहेंगे लोग,और लोग क्या कहेंगे इसकी चिंता किए बगैर कुछ काम कुछ लोग कर लेते हैं,तो बाद में मुँह दिखाने के लायक भी नहीं रहते,क्योंकि जब लोग कहते हैं तो इज्जत का फालूदा ही बनता है। अब हनीट्रैप को ही देख लो, लिव इन में हनीमून … Read more

आने वाली पीढ़ी का पथ प्रदर्शित करेगी `सदी के सितारे`

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** सदी के सितारे डॉ. देवेन्द्र जोशी की एक विशिष्ट कृति है, जिसमें देश के २३ विशिष्ट व्यक्तित्वों पर उनके आलेख समाहित हैं। इस पुस्तक में जिन विभूतियों पर डॉ. जोशी ने कलम चलाई है,वे कहीं न कहीं भारतीय जनमानस पर अपनी अमिट छाप छोड़ते हैं। लेखक डॉ. जोशी ने अपने … Read more

हिन्दी भाषा प्रेम की…

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष……………….. हिन्दी है सबसे सरल,भारत की पहचान। हिन्दी भाषा में बसा,भारत का सम्मान॥ शब्द-शब्द में लोच है,अक्षर-अक्षर गोल। हिन्दी जैसा है यहाँ,दुनिया का भूगोल॥ अपनी भाषा बोलियाँ,कभी न जाना भूल। अपनी भाषा जब मिले,खिलते मन के फूल॥ भाषा का सच जानिए,यही ज्ञान का मूल। अपनी डाली छोड़कर,भटका … Read more