बरसात

मदन गोपाल शाक्य ‘प्रकाश’फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश)************************************** बनके बदली बरसती,घनघोर चहुँओर।दादुर दौड़े घूमते,घिरे घटा घनघोर॥ प्यासी धरा पुकारती,बरसो दीनदयाल।भीगे दामन भूमि का,हरियाली तत्काल॥ सारंग ने सारंग दियो,सारंग बरसो आए।सारंग जो मुख से कहे,सारंग निकसो जाए॥ चार मास बरसात के,बरसे रिमझिम धार।हरियाली बढ़ने लगी,महके फूल बहार॥

प्रेम की होली

मदन गोपाल शाक्य ‘प्रकाश’फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश)************************************** रंग-बिरंगी प्रेम की होली,मिल-जुल करो ठिठोली। है रंगों का त्योहार निराला,सबसे प्रेम करो मलबाला। गले मिलो और नाचो-गाओ,पापड़-गोजे सबको खिलाओ। खूब उड़ाओ गुलाल-रोली,रंग-बिरंगी प्रेम की होली। पूड़ी और पकवान बनाकर,आदर कर सबको खिलाकर। खाओ खूब घर-घर में जाकर,खुशियां बांटो होली मनाकर। हरसाए लोगों की टोली,रंग-बिरंगी प्रेम की होली॥

सभ्यता

मदन गोपाल शाक्य ‘प्रकाश’फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश)************************************** मानवता है-सभ्यताई जीवन,आदर्शवाद। इंसानियत-एक सभ्यता लक्ष्य,सम्मान देय। सद्भावना हो-सबसे प्रेम भाव,न्यायकारी जो। सबका हिती-सभी से आदर्शताव्यवहारिक। धीरतावान-दृढ़ निश्चय करे,आत्मविश्वासी।

सरफरोशी की तमन्ना

मदन गोपाल शाक्य ‘प्रकाश’फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश)************************************** सरफरोशी की तमन्ना,ले प्यारे वीर आएकफन बांधा शीश पर,हिंद के रणधीर धाएलड़ रहे जो बन दीवाने,रक्त अपना हैं बहाए। देशहित में कर्म निष्ठा,भावना के भाव हैंदिल उमंगें उठ रही हैं,वीरगति के दाँव हैंकदम पीछे न हटे हैं,वीरता के चाव हैं। मातृभूमि के लिए जो,न कदम जो डगमगाए।सरफरोशी की तमन्ना,ले … Read more

आए जब ऋतुराज बसंत

मदन गोपाल शाक्य ‘प्रकाश’फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश)************************************** आए जब ऋतुराज बसंत,सुंदर सजग भूमि अत्यंत। हरी-भरी फसलें लहरातीं,चिड़िया मीठे गीत सुनातीं। महक धरा पर सुंदर मोहत,बड़ी अनोखी सुषमा सोहत। पुष्पों की जो लहराती पंक्ति,आए जब ऋतुराज बसंत। धरती करे श्रंगार अनोखा,हरित क्रांति रूप अनोखा। बालक बूढ़े सुखी हैं संत,आए जब ऋतुराज बसंत। पुष्प कली खिलें अति सुंदर,शोभा … Read more

व्यवहार का ज्ञान-आचरण है हिन्दी

मदन गोपाल शाक्य ‘प्रकाश’फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश)************************************** हिंदी भाषा हमें ज्ञान विवेक और भावपूर्ण आचरण व्यवहार का ज्ञान कराती है। हिंदी भाषा के ग्रंथों में ज्ञान की शिरोमणि अगणित लुकी-छुपी सी स्पष्ट नजर आती है,जो हिंदी भाषा को पढ़ता है,वही इन तथ्यों का अर्थ समझ सकता है।हिंदी भाषा हमेशा सभी भाषाओं से अलग पहचान बनाने वाली … Read more

मन के सपने

मदन गोपाल शाक्य ‘प्रकाश’फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश)********************************************** पूरे होना मुश्किल मन के सपने,वायु वेग से बढ़ते मन के सपने। मन होता है मानो एक समुंदर,लाख वासना जिसके अंदर। एक पूर्ण हो बस दूसरी इच्छा,वृद्ध जवान चाहे हो बच्चा। जीवन जाता न सजते सपने,पूरे होना मुश्किल मन के सपने। मनमानी करता है जो मनवा,चले चाल मस्तानी जो … Read more