पर्यटकों को बरबस खींचता इस्कॉन मंदिर

डॉ. स्वयंभू शलभ रक्सौल (बिहार) ****************************************************** भुवनेश्वर यात्रा……….. ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर राज्य का सबसे बड़ा शहर है,जिसे भारत के पूर्वी हिस्से का सांस्कृतिक केन्द्र माना जाता है। ऐतिहासिक मंदिर और अपनी गौरवशाली विरासत के कारण इस शहर को `टेम्पल सिटी` के रूप में भी जाना जाता है। यह शहर हिंदू,जैन और बौद्ध संस्कृति में … Read more

खंडगिरि और उदयगिरि की पहाड़ियाँ

डॉ. स्वयंभू शलभ रक्सौल (बिहार) ****************************************************** भुवनेश्वर यात्रा………….. लिंगराज मंदिर,परशुरामेश्वर मंदिर,मुक्तेश्वर मंदिर और सिद्धेश्वर मंदिर के दर्शन के बाद हमारा अगला लक्ष्य उदयगिरी और खंडगिरी की पहाड़ियों को प्रत्यक्ष देखने का था…। भुवनेश्वर के बाहरी भाग में शहर से करीब ८ किमी दूर स्थित ये पहाड़ियां ओडिसा की सांस्कृतिक धरोहर हैं। इन पहाड़ियों पर प्राचीन … Read more

केदार गौरी मंदिर

डॉ. स्वयंभू शलभ रक्सौल (बिहार) ****************************************************** भुवनेश्वर यात्रा ……. भुवनेश्वर के मंदिर अपनी स्थापत्य कला और वास्तु वैभव के लिए दुनियाभर में जाने जाते हैं। इस पुण्यभूमि पर स्थित लिंगराज मंदिर,परशुरामेश्वर मंदिर और मुक्तेश्वर मंदिर के दर्शन के बाद हमें केदार गौरी मंदिर के दर्शन का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ। भुवनेश्वर के ८ अष्टशंभू मंदिरों … Read more

पर्यावरण संकट:सबसे बड़ी चुनौती

डॉ. स्वयंभू शलभ रक्सौल (बिहार) ****************************************************** ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग में झुलसकर करीब ५० करोड़ निरीह जानवरों की मौत हो चुकी है। इनमें स्तनधारी पशु, पक्षी और रेंगने वाले जीव सभी शामिल हैं। इनकी कितनी ही प्रजातियां अब समाप्त हो जाएंगी। तस्वीरें दिल को दहला देती हैं,दर्जनों लोग भी मारे गए हैं। कुआला … Read more

शांति निकेतन

डॉ. स्वयंभू शलभ रक्सौल (बिहार) ****************************************************** भाग -९………… ओडिसा की राजधानी भुवनेश्वर चतुर्दिक मंदिरों से घिरा होने के मंदिरों का नगर कहलाता है। अपनी समृद्ध पुरातन संस्कृति के कारण इसकी अपनी एक अलग पहचान है। केसरी वंशीय राजाओं ने चौथी शती के उत्तरार्ध से ११वीं शती के पूर्वार्ध तक लगभग ६७० वर्ष (४४ पीढ़ियों) तक … Read more

शांति निकेतन

डॉ. स्वयंभू शलभ रक्सौल (बिहार) ****************************************************** भाग-८………. `शांति निकेतन` यात्रा और कंकालितला मंदिर के दर्शन के बाद अगला लक्ष्य भुवनेश्वर का था,जहां के कई प्रमुख स्थल हमारी जिज्ञासा के केन्द्र में थे…l सुबह ८:३० बजे हम ‘इंटरसिटी एक्सप्रेस’ से गुस्करा से हावड़ा के लिए रवाना हुए…बर्दवान स्टेशन होते हुए यह ट्रेन १२ बजे हावड़ा पहुंची। … Read more

शांति निकेतन

  डॉ. स्वयंभू शलभ रक्सौल (बिहार) ****************************************************** भाग-७…… बोलपुर में शांति निकेतन,विश्वभारती और सृजनी शिल्पग्राम के भ्रमण के बाद हमारा अगला लक्ष्य कंकालितला मंदिर के दर्शन का था…l माँ काली को समर्पित यह प्रसिद्ध मंदिर बोलपुर से करीब १० किमी की दूरी पर स्थित है…l पश्चिम बंगाल लोक कला और संस्कृति के साथ धार्मिक आस्था … Read more

शांति निकेतन

डॉ. स्वयंभू शलभ रक्सौल (बिहार) ****************************************************** भाग-६….. पश्चिम बंगाल लोक कला और संस्कृति के मामले में एक समृद्ध राज्य है…शांति निकेतन यात्रा संस्मरण की कड़ी में पश्चिम बंगाल के ‘बाउल संगीत’ का जिक्र भी जरूरी है…यह संगीत यहां की विरासत है…इस संगीत ने यहां के सांस्कृतिक जगत में बहुत कुछ जोड़ा है…। बाउल संगीत ऐसा … Read more

शांति निकेतन

डॉ. स्वयंभू शलभ रक्सौल (बिहार) ****************************************************** भाग ५….. श्रीनिकेतन क्षेत्र में स्थित ‘सृजनी शिल्पग्राम’ की चर्चा के बगैर शांति निकेतन यात्रा का संस्मरण पूरा नहीं हो सकता…l भव्य प्रवेश द्वार, सुंदर सड़क और सड़क के दोनों तरफ लहराते हरे-भरे पेड़ परिसर के अंदर प्रवेश करते ही मन मोह लेते हैं…l इस शिल्पग्राम की बनावट एक … Read more

शांति निकेतन

डॉ. स्वयंभू शलभ रक्सौल (बिहार) ****************************************************** भाग-४……… शांति निकेतन’ के अनुभव को यदि संक्षेप में बताना हो तो कह सकता हूँ कि वहां से लौटने के बाद व्यक्ति के अंदर एक लघु ‘शांति निकेतन’ का निर्माण हो जाता है..। ‘शांति निकेतन’ की स्मृति एक प्रेरणा स्रोत बन कर हमेशा नवनिर्माण के लिए प्रेरित करती रहती … Read more