सर्वदा पूज्य है ‘औरत’

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ********************************************************************** कभी था औरत होने का अर्थ-दबी हुई रहना,मार खानागालियां सुनना,जिंदगी का जहरहँस कर के पीना।कभी था औरत होने का अर्थ-गधे की तरह काम करना,कभी नहीं आराम…

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वो जीवन था बड़ा सलोना

आशीष प्रेम ‘शंकर’मधुबनी(बिहार)********************************************************************** वो जीवन था बड़ा सलोना,गुड़िया रानी खेल-खिलौनाजीवन चक्र बड़ा ही निर्मम,करते थे जब सब मनमाना। कभी रूठना,फिर उठ जाना,वैदेही-सा जीवन झरनाजिसे न थी चिंता एक पल भी,अब…

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चीन,तू निश्चित मुंँह की खाएगा

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ********************************************************************** अरे चीन तू समझ रहा कि ये खाला का बाड़ा है ?जिस दिन अपनी फिरी खोपड़ी,तेरा समझ कबाड़ा है। ये मत समझ तू ६२ है जो…

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कोरोना:मेरा अनुभव

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ********************************************************************** जब से 'कोरोना' आया है उसने हमें सिखाया है,मिल -जुलकर कैसे रहते हैं अच्छा पाठ पढ़ाया है। भूल चुके थे संस्कृति अपनी उसने याद दिलाया है,भारतीय…

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मजबूर मजदूर

प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** श्रमिक गति है विकास की,श्रमिक ही बुनियाद, अब वही नींव कर रही,इमारत से फरियाद। सड़कें भी रो पड़ी देख मजदूर के हालात, परिश्रम उनका सिसक रहा…

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हममें ही भगवान,मन से करो पुकार

प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** बुद्ध पूर्णिमा विशेष................ जब कमी हुई ज्ञान की,बढ़ गया अभिमान, गरीबी लाचार बनी,टूटता स्वाभिमान। तब ज्ञान का सूर्य उगा,चमका सभी जहान, ज्ञान सबको बांट दिया,जब आए…

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ईश्वर से प्रार्थना

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  ********************************************************************************* तेरे दर पर आया हूँ बन कर भिखारी, ले लो शरण मुझको अपनी मुरारी। तुमने ही भेजा है मुझको धरा पर, भूलूं कभी मैं…

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माँ-बेटे का नाता

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  ********************************************************************************* इस दुनिया में माँ-बच्चों का सबसे सुंदर नाता है, ईश्वर का वरदान है ये माँ ही तो भाग्य विधाता है। माँ का प्यार है…

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कैसा निष्ठुर है मानव तू

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  ********************************************************************************* प्रकृति है सृष्टि की जननी पीर दे रहा उसको, खेला-कूदा बड़ा हुआ है माँ माना है जिसको। आज अपनी धरती माता क्यों बिलख रही…

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अब तो हमारी सुध लो

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  ********************************************************************************* संसार के रचयिता हम पर है नजर तेरी, करते हैं याद तुमको हर सांझ और सवेरी। अब तो हमारी सुध लो ओ बंसी के…

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