बन जाओ अनमोल
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************************* ग़म है,पीड़ा,है व्यथा,पर है सुख भी साथ।जो जैसा चिंतन करे,आता वैसा हाथ॥ खुशियाँ मिलती हैं बहुत,तकलीफ़ें भी संग।जीवन के दो रूप हैं,होते हैं दो रंग॥…