श्रमसीकर ही नींव

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ************************************** श्रमसीकर नित पूज्य हों,पायें अति सम्मान।श्रम से ही धनधान्य है,श्रम से ही उत्थान॥ श्रम से ही ऊँचे भवन,श्रम से ही है कोष।श्रमजीवी भूखा अगर,बोलो किसका…

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श्रम का मूल्य समझने का दिन

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ***************************************** विश्व श्रमिक दिवस विशेष...... 'श्रमसीकर नित पूज्य हों,पायें नित सम्मान।श्रम से ही धनधान्य है,श्रम से ही उत्थान॥'श्रमिकों द्वारा की गई कड़ी मेहनत का सम्मान करने…

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किया नवल निर्माण

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ***************************************** समता का उजियार कर,किया नवल निर्माण।छुआछूत को लक्ष्य कर,मारे तीखे बाण॥मारे तीखे बाण,नया इक देश बनाया।बोले सब जय भीम,सुहाना मंज़र भाया॥तिमिर हुआ सब दूर,भाव आये…

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फागुन की अठखेलियाँ

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ************************************** रंगों के सँग खेलती,एक नवल-सी आस।मन में पलने लग गया,फिर नेहिल विश्वास॥ लगे गुलाबी ठंड पर,आतपमय जज़्बात।प्रिये-मिलन के काल में,यादें सारी रात॥ कुंजन,क्यारिन खेलता,मोहक रूप…

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रंग-रगीली होली आई

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ***************************************** फागुन संग-जीवन रंग (होली)विशेष… तन-मन हरसाओ कि छैल-छबीली होली आई।चंग बजाओ कि रंग-रगीली होली आई॥ अवसादों का हुआ पराभव,उल्लासों का मेला हैअंतर्मन है आह्लादित अब,कोई…

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पहली मुलाकात

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) **************************************** मुलाकात पहली बनी,बहुत बड़ा वरदान।तुझसे ही मुझको मिली,एक नई पहचान॥ तेरे मिलने से हुए,पूरे सब अरमान।तू ही अब है ज़िन्दगी,तू ही मेरी शान॥ मुलाकात पहली…

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हे! भोले भंडारी

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ************************************************ हे त्रिपुरारी,औघड़दानी,सदा आपकी जय हो।करो कृपा,करता हूँ वंदन,यश मेरा अक्षय हो॥ तुम तो हो भोले भंडारी,हो सचमुच वरदानी।भक्त तुम्हारे असुर और सुर,हैं सँग मातु भवानी।यही…

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बच्चों का सर्वांगीण विकास सही मार्गदर्शन-प्रेम से ही संभव

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ***************************************** परिवार यानी माता-पिता बच्चे के व्यक्तित्व निर्माण की पहली पाठशाला है। उसमें भी ‘माँ’ की भूमिका सबसे महत्त्वपूर्ण है। अगर माता-पिता अपने बालक से प्रेम…

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इन्सान और भगवान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* इंसां होना है कठिन,सुन तू ऐ भगवान।देख परेशानी ज़रा,जीना ना आसान॥ इंसां नित ही भोगता,कष्ट,दर्द का शाप।दु:ख के काँटे,वेदना,कौन सकेगा माप॥ इंसां ईश्वर पूजता,सुखी रहे…

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सामाजिक चुनौतियों का सामना किए बिना उत्थान संभव नहीं

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* 'राह पथरीली बहुत थी,फिर भी हम चलते रहेमन में मंज़िल के लिए,अरमां सदा पलते रहे।'सामाजिक समस्याओं के अध्ययन में सामाजिक विचारकों का ध्यान सहज रूप…

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