अब हर लो सारे पापों को
डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* यह कैसा कोरोना आया,ले जा रहा इक साथ में,करता है भयभीत सभी को,कुछ न रह जाता हाथ में। मिलना अभी गुनाह हो गया,हाथ मिलाया नहीं गया,कैसा ये मौसम आया है,अब अपना कैद हो गया। अंतिम इच्छा नहीं पूछते,चाहे मिलने की ही हो,दिल पर पत्थर रख लेते हैं,चाहे चाह इक रही हो। यहाँ … Read more