बसंत…तुम जब

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)******************************************** बसंत तुम जब आते हो,प्रकृति में नव उमंग,उन्माद भर जाते होहवाएं चलती हैं सुगंध ले करजीवन में खुशबू बिखराते हो।बसंत तुम जब आते हो… कितने नए…

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आया वसंत,लाया खुशियाँ अनंत

कल्पना शर्मा ‘काव्या’जयपुर (राजस्थान)********************* वसंत पंचमी स्पर्धा विशेष ….. आया वसंत,आया वसंत,ज्ञान और उल्लास संग।लाया खुशियाँ अनंत,आया वसंत,आया वसंत॥ नीकी लागे कोयल काली,कूके बैठके अमवा की डाली।पीली सरसों धरती की…

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देखो! आया बसंत

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)******************************************* वसंत पंचमी स्पर्धा विशेष ….. देखो! आया वसंत,पीली चादर ओढ़ेबैठा है शिशिर संत,मन भाया बसंत।देखो! आया बसंत… सजनी के गालों में,प्रिय! कदम तालों मेंघुंघराले बालों में,चाहत के…

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मैंने देखा है

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) *************************************** तू बुलंदी पे अपनी,गुमां यूँ न कर,मैंने देखे,जबल भी दरकते हुए। तू अँधेरों में सायों की ना बात कर,मैंने आँधी में देखे,ये छुपते हुए।…

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पीड़ा,प्रेरणा और भावों की अभिव्यक्ति है ‘त्रासदियों का दौर’

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)******************************************** 'त्रासदियों का दौर' डॉ. अमिताभ शुक्ल का काव्य संग्रह है। डॉ. शुक्ल ने सागर ७ किताबें एवं १०० से अधिक शोध-पत्र विभिन्न शोध पत्रिकाओं तथा राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय…

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तब तुम मेरे पास आना प्रिये

निक्की शर्मा `रश्मि`मुम्बई (महाराष्ट्र)********************************************* अंतर्मन की लहरें पग-पग उठने लगे,यौवन भी जब पल-पल महकने लगेप्यार के फूल कलियां जब खिलने लगे,…तब तुम मेरे पास आना प्रिये। सुरमई सांझ भी जब…

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शान्ति की खोज

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)******************************************* खुशी यहां मिलेगी…यह सोचकर उन्होंने फूंक दी दौलत,क्लब,महफ़िल,होटल,दोस्तों मेंकहकहे भी मिले उन्हें हँसी भी मिली,मगर अफसोस! उन्हें खुशी ना मिली। शांति यहां मिलेगी…यह समझ उन्होंने भगवा वस्त्र…

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अब और…नहीं

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)******************************************** सिमटी-सिमटी जिंदगी में बसर,अब और नहीं…अब और नहीं। ठहरी-ठहरी राहों का सफ़र,अब और नहीं…अब और नहीं। बांध ले अपनी हिम्मत को,तिल-तिल मरना,अब और नहीं…अब और नहीं।…

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दिल-ए-एहसास

विशाखा शर्मा 'स्मृति', कानपुर नगर(उत्तर प्रदेश)**************************** काव्य संग्रह हम और तुम से शोर मचाता रहता है दिल सनम तेरे प्यार में,जोर से हँसता-खिलखिलाता है दिल तेरी याद में। देख तेरी…

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गीत सृष्टि पा लेती हूँ मैं

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)*************************************************** काव्य संग्रह हम और तुम से जब तेरे मृदु-वचनों से,थोड़ा रस पी लेती हूँ मैं।तुम मानो ना मानो प्रियतम,गीत सृष्टि पा लेती हूँ मैं। बरखा की छम-छम…

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