दलितों के घर भोजन

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* चार लोग कंधे पर एक शव ले जा रहे थे,तभी वह अचानक बोल उठा-"अरे!! आप लोग मुझे कहाँ लेकर जा रहे हैं।" उनके पीछे चल…

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मैं मन हूँ

डॉ.चंद्रदत्त शर्मा ‘चंद्रकवि’ रोहतक (हरियाणा) ******************************************************* मैं मन हूँ विचारों का-भावों का, परिचायक हूँ खुशी का घावों का इच्छा,जीवन गति का जनक हूँ, मैं ही शांति हूँ-में ही भटक हूँ।…

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सुख की खाई को है पाटा

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* आज समस्या हुई अनेक, कैसे हो अब निराकरण आओ मिल-जुलकर करें, स्वच्छ चहुँ दिशि पर्यावरण। निर्मलता से वृक्षों को काटा, सुख की खाई को है…

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वट पूजा

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* वट सावित्री पूज कर,जो रखती उपवास। धन्य धन्य है भारती,प्राकत नारी आसll ढूँढे पूजन के लिए,बरगद दुर्लभ पेड़। पथ भी दुर्गम हो रहे,हुई कँटीली मेड़ll पेड़…

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राष्ट्रीय संगोष्ठी में डॉ.मोनिका शर्मा सम्मानित

दिल्ली। १९ मई को हिन्दी भवन में भारत उत्थान न्यास और वागीश्वरी संस्थान द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई। शिक्षा और साहित्य पर विभिन्न विद्वानों के वक्तव्यों के साथ साथ…

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चार कुत्ते

राजबाला शर्मा ‘दीप’ अजमेर(राजस्थान) ******************************************************************************************** तीन कुत्ते आपस में बात कर रहे थे,चौथा कुत्ता चुप था। पहला कुत्ता बोला, -"तू चुप क्यों है,तेरा मालिक तो तुझे अपने बच्चे की तरह…

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भाईचारा

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* हार-जीत का वोट युद्ध था, कोई जीता-कोई हारा। दल दलदल को भूल सखे अब, अपना लो भाईचारा। जीत किसी की नहीं चुनावी, यह तो जनमत जीता…

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नई उड़ान

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* बहुत दिनों के बाद आज फिर, लिखने का मन करता है। जीत-हार की बातें करतें, अब भी मन डर छलता है। जीत नहीं यह मोदी की…

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जीवन में माधुर्य लुटाये,वो कविता होती है

राजेश पुरोहित झालावाड़(राजस्थान) **************************************************** शब्दों का मधुर गुंजन कविता होती है, भावना की अभिव्यक्ति कविता होती है। छन्द मात्रा लय ताल सुर कविता होती है, जीवन में माधुर्य लुटाये वो…

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रूप और स्वभाव

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* रूप से भी अत्यधिक सम्मान है स्वभाव का, रूप है बेकार-सा अभाव यदि इस भाव का। रूप नश्वर है जगत में स्वभाव ही अमृत है,…

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