बीता साल

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** ना कोसो बीते साल को,ये तो फ़र्ज़ निभाने आया था,इंसां को उसकी हद समझाने और जगाने आया थाl लख्त है जिस क़ुदरत का,उसको दोयम…

1 Comment

मुझे भी जीने दे

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** शान से जी,गर दौलत-ताक़त पास है तेरे,मगर मुझे भी जीने दे,हक़ मेरा भी हैl मंदिर-मस्ज़िद,गिरजे-गुरद्वारे,गर हैं तेरे,मैंने दिल में बसा रखा,रब मेरा भी हैl…

0 Comments

नारी का सम्मान

निक्की शर्मा `रश्मि`मुम्बई (महाराष्ट्र)********************************************* है पियूष की दायिनी,करुणा का अवतार।है नेहिल,ममतामयी,माँ जीवन-आधारll नारी के सम्मान से,सुख पाता परिवार।नारी को भी हैं सभी,नर जैसे अधिकारll प्रेम,समर्पण,त्याग से,बनता है परिवार।विश्वासों को पालकर,दो…

0 Comments

उदासी से…परे

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)************************************************ चाहे,जिंदगी उदास हो…उदासी भरा दिन,उदासी भरी एक लंबी रात हो…वही जिंदगी की,चक्की पर चलतीदिन और रात के कामों की,हर दिन की तरह वही लिस्ट हो। चाहे,जिंदगी…

0 Comments

ग़ालिब

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** उसने मुझे बहुत समझाया,ताक़त इस्तेमाल करो,मैंने दिल की सुनी,हार दिल अपना,सबको जीत लियाl उसने मुझे बहुत समझाया,बहती हवा के साथ बहो,मैंने सुनी जुनूं की…

0 Comments

वो पालता है पेट सबके

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)************************************************ हाथ की लकीरों से लड़ जाता है,जब बंजर धरती पे,अपनी मेहनत के हल से,लकीरें खींच जाता है।कभी स्थितियों से-कभी परिस्थितियों से,दो-दो हाथ कर जाता हैवो पालता…

0 Comments

मत

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)************************************************ वही चेहरे हैं,वही लोग हैंसब क्या ? सिद्ध कर जाते हैं,हर बार या कहूँ बार-बारक्यूँ…?'मत' घर-घर जा के मांगते हैं। क्या इनको अपने ही,काम पर नहीं…

0 Comments

परम्परा…

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* दीवाली के दिन,मेरे घर मेंशाम को पकवान कुछ भी बने,देशी सूरन की सब्जी जरूर बनती हैlसोने से पहले,माँ आँखों में काजल लगा देती हैकहते हैं…

0 Comments

माँग रहे तुम्हारा आशीर्वाद

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)************************************************ हे! सूर्य देव,प्राणों के वेगहम प्रणाम करते हैं,छठ व्रत करते हैं। जीवन को तुम ही,प्रकाशित करते हो।चर-अचर जीवन का,तुम ही संचालन करते हो।जीवन को,ज्ञान और आशा…

0 Comments

संकल्प के दीए

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)************************************************ दीपावली पर्व स्पर्धा विशेष….. जला कर…एकदीया विश्वास का,हमें मानव सभ्यता मेंविजयी उद्घोष जगाना है।हम हैं भारत की संतान,करुणा से टूटी अर्थव्यवस्था को,फिर से मजबूत बनाना है।…

0 Comments