सूना-सूना रात का आँचल
राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)**************************************************************** सूना-सूना रात का आँचलनिखरी यादों के बिखरे पल,प्रीति के सागर में बह जामेरी आँखों के गंगाजल। उदास चेहरा लिए खड़ा हैनीरव-सा ये सघन अंधेरा,क्या अंजलि में बांध लिया हैतूने ये दारुण दु:ख मेरा ?नयनों के सपने न मचल,सूना-सूना रात का आँचल। मैं अंधियारे सूरज की ज्योतिमिली न मंजिल रूह भटकती,मूक मेरे जीवन … Read more