करूँ नित्य आराधना

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)***************************************** सत्य की मैं करूँ,नित्य आराधना,प्रेम का स्तवन,ज्ञान की साधना।भाव का प्रस्फुटन दिल में होता रहे-शारदे आपसे बस यही अर्चना॥ तुम्हारे स्नेह की मंदाकिनी में आचमन करके,हुआ पावन हमारा मन तुम्हारा स्तवन करके।हुए हैं प्रस्फुटित अतःकरण में भाव जो निर्मल-उन्हें ही गूँथता ‘शिव’ शब्द में तुमको नमन करके॥ परिचय- शिवेन्द्र मिश्र का साहित्यिक … Read more

गुरु करते ज्ञान प्रदीप

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)***************************************** गुरु पूर्णिमा विशेष…… जीवन को सुरभित करें,उर में भरे प्रमोद।प्रलय और निर्माण द्वय,बसते गुरु की गोद॥ ज्यों माटी को गूँथ कर,देता रुप कुम्हार।वैसे ही निज शिष्य को,देता गुरु आकार॥ पथ अवलोकित कर सके,जले स्वयं बन दीप।हृदय तिमिर गुरु मेटते,करते ज्ञान प्रदीप॥ शिक्षक ईश्वर के सदृश,करें सदा उपकार।उसने ही हमको दिया,जीवन का … Read more

फागुन लाया प्यार की सौगात

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)***************************************** फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… आधुनिकता में मस्त हैं,सब नर-नारी संत।अन्तर्मन पतझड़ हुआ,दिखला रहे बसंत॥ देखो कैसी हो गयी,लोकतंत्र की रीति।सिर्फ चुनावी रंग में,करते ‘शिव’ से प्रीति॥ आया मौसम फाग का,मन में उठी उमंग।भूल पुरानी रंजिशे, ‘शिव’ मिल खेले रंग॥ फागुन आया झूमकर,जिसकी धूम अनंत,देखो ‘शिव’ भी मचलते,जिन्हें कहें सब … Read more

स्वार्थ से टूट रहे परिवार

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)***************************************** बदल गई संकल्पना,रूठ गया ‘शिव’ प्यार।एकल जब से हो गये,अपने घर परिवार॥ संस्कार और सभ्यता,गई घरों से रूठ।कौटुंबिक तरुवर हुआ,मानो कोई ठूँठ॥ सम्बन्धों में आजकल,नहीं रह गया प्यार।कलह कपट अरु स्वार्थ से,टूट रहे परिवार॥ संस्कार और मूल्य का,उद्गम है परिवार।भावों की सुरसरि बहे,बरसे स्नेह अपार॥ ‘शिव’ संबंधों में कहाँ,दिखता निश्छल प्यार।वैमनस्य … Read more

जिंदगी खोई-खोई

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)***************************************** जब कोई अवसाद से घिर,जाता है मित्र।फिर उसको दिखते सभी,धूमिल-धूमिल चित्र॥धूमिल-धूमिल चित्र,समझ में कुछ ना आए।लगे जिन्दगी भार,नहीं दिल को सुख भाए॥दिखे सघन तम और,जिन्दगी खोई-खोई।जाता है ‘शिव’ हार,स्वयं से ही जब कोई॥ परिचय- शिवेन्द्र मिश्र का साहित्यिक उपनाम ‘शिव’ है। १० अप्रैल १९८९ को सीतापुर(उप्र)में जन्मे शिवेन्द्र मिश्र का स्थाई व … Read more

नयन

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)***************************************** नयन-नयन की जब हुई,आपस में टकरार।उठा ज्वार उर उदधि में,फूट पडे़ उद्गार॥ नयन नशीले मद भरे,लब ज्यों सुर्ख पलाश।कंचन काया पर चढ़ा,यौवन का मधुमास॥ नयन-नयन में हो गई,पिय की पिय से बात।तन-मन पुलकित हो उठा,मचल गये जज्बात॥ नयनों में उलझे नयन,उर खो बैठा होश।मचल उठे जज्बात फिर,यह यौवन का दोष॥ अधर-अधर … Read more

हिंदी मानस में बसी

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)***************************************** अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस स्पर्धा विशेष…. हिन्दी भाषा मातृ सम,जिसका अनुपम प्यार।सहज,सरल,बेहद मधुर,अति स्नेहिल व्यवहार॥ हिन्दी मानस में बसी,हिन्दी से ही मान।हिन्दी भाषा प्रेम की,हिन्दी से पहचान॥ हिन्दी करती हिन्द का,साहित्यिक श्रृंगार।सिखलाती है सभ्यता,दे स्नेहिल पुचकार॥ हिन्दी भाषी हम सभी,हिन्दी अपनी शान।आओ हिन्दी का करें,हम मिलकर उत्थान॥ हिन्दी अपनी अस्मिता,संस्कार अभिमान।करें सृजन … Read more

न बाँटो हमें

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)***************************************** दर्द हमसे जिगर में न पाला गया,छीन उसका लिया क्यों निवाला गया।जो स्वयं एक उन्नति की बुनियाद है-उसको मुद्दा बनाकर उछाला गया॥ जाति व धर्म में तुम न बाँटो हमें,स्वार्थ में वृक्ष-सा तुम न काटो हमें।चाहते जो बनाना सियासत का घर-नींव के खंजडे़ सा न पाटों हमें॥ परिचय- शिवेन्द्र मिश्र का साहित्यिक … Read more

अजर अमर है नाम

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)***************************************** नेता वीर सुभाष का,अजर अमर है नाम।जिनके बिना अपूर्ण था,स्वतंत्रता संग्राम।स्वतंत्रता संग्राम, गरम दल के थे नायक।रख दी नींव स्वराज, फौज के सेनानायक॥‘चल दिल्ली’ उद्घोष,और ‘जय हिन्द’ प्रणेता।हिन्द करें अभिमान,देश के प्यारे नेता॥ परिचय- शिवेन्द्र मिश्र का साहित्यिक उपनाम ‘शिव’ है। १० अप्रैल १९८९ को सीतापुर(उप्र)में जन्मे शिवेन्द्र मिश्र का स्थाई व … Read more

प्रेम

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)*********************************************** काव्य संग्रह हम और तुम से एक प्रश्न से जिन्दगी,में आया बदलाव।जिसके उत्तर से मेरा,उससे हुआ जुड़ावllउससे हुआ जुड़ाव,नाम पूछा,बतलाया।देखा उसका चित्र,उसे फिर भूल न पायाllहृदय उठे उद्गार,उदधि में लहरें जैसे।मुझको उससे प्यार,हुआ उस एक प्रश्न सेll पाती प्रियतम की मेरे,लाती थी सन्देश।शब्दों से वो भेजते,थे उपहार विशेषllथे उपहार विशेष,छवि दिखती … Read more