परिष्कृत जीवन शैली ही अध्यात्म

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** आध्यात्म के विषय में लोगों के बीच काफी भ्रामक धारणा बनी हुई हैl वास्तव में अध्यात्म स्वयं को पहचानने की एक विधा है,परिष्कृत जीवन-शैली है और स्वयं…

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संप्रदाय-पंथ के नाम से अलगाव कब तक ?

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** घुमा-फिरा कर सभी लोग यह स्वीकार करते हैं कि,इस दुनिया को बनाने वाली एक ही शक्ति है।इसके आरंभ की कहानी सभी धर्मों की जो भी हो, सृष्टि…

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जनहित में धर्ममय राजनीति महती आवश्यक

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** 'राजनीति' एक ऐसा क्षेत्र है,जो‌ समाज को प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष सर्वाधिक प्रभावित करता है। ऐसी स्थिति में यदि राजनीति की दिशा और दशा सही नहीं होगी तो…

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देशद्रोह

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** अब्दुल्ला के बोल नहीं यह,देशद्रोह चिंगारी हैै,जिनने अब तक दी कुर्बानी,उन सबसे गद्दारी हैै।शुकर करो तुम भारत में हो,अगर दूसरे मुल्क में होतेचौराहे पर खुलेआम फिर,फांसी में…

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अखंड विश्व की परिकल्पना असंभव नहीं

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** अखंड विश्व की परिकल्पना भारतीय जनमानस के लिए नई नहीं है,सनातन संस्कृति सदा से ही वसुधैव कुटुंबकम् और विश्व बंधुत्व की भावना से ओत-प्रोत रही हैl इसने…

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हित का संरक्षण हो

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************* भूख,गरीबी,लाचारी के,नहीं जातिगत रिश्ते हैं।कितने बालक,वृद्ध दवाई,बिना तड़पते रहते हैं॥ क्या अगड़े,क्या पिछड़े 'निर्धन'कितना दंश झेलते हैं।कितनों के घर चूल्हा जलता,कितनी फांके भरते हैं॥ सत्तर सालों का…

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काकाजी

नरेंद्र श्रीवास्तवगाडरवारा( मध्यप्रदेश)********************************************************* बदला-बदला सा घर लगता,हुए सयाने काकाजी,नव युगीन नूतन पीढ़ी में,हुए पुराने काकाजी। पूरा गाँव दीवाना था,काकाजी के गीतों का,अपने उसी गाँव में अब तो,हुए बेगाने काकाजी। चौपालों…

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श्री राम स्तुति

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************* राघव! रघुकुल की शान हो तुम,रघुवेन्द्र तुम्हारी जय-जय हो।मानव तन में भगवान हो तुम,देवेन्द्र तुम्हारी जय-जय हो॥ जब-जब जगती में पाप-ताप,हद से ज्यादा बढ़ जाता है।जब-जब दुष्टता…

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भगवान चित्रगुप्त चालीसा

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************* सदगुरु के पावन चरण,सादर उर में धारि।सुमिरहुं गणपति,सरस्वती,श्री,गौरा,त्रिपुरारि॥ अखिल विश्व के न्याय विद,चित्रगुप्त भगवान।प्रणवहुं पावन चरण रज,विधि,हरि,हर सम जान॥ जय,जय चित्रगुप्त भगवाना।नहि तव आदि,मध्य,अवसाना॥ परम ब्रम्ह चह…

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हिन्दू,हिन्दी,हिंदुस्तान पहचान अपनी

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************* हिंदी दिवस विशेष..... आओ सब मिल-जुल एकता के गीत गाएं,सुख,शांति,शुचिता की सरिता बहाएं हम।ममता की ज्योति जला,प्यार दिलों में उगाएं,फलती समाज की दरार को मिटाएं हम। प्रगति…

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