तुमसे ही जिन्दगी है हमारी

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** महिला दिवस स्पर्धा विशेष…… रचनाशिल्प:२२१ २१२ २१२ २तुम केन्द्र,हम धुरी हैं तुम्हारी,तुमसे ही जिन्दगी है हमारी।कहते सभी तुम्हें अबला नारी,तुम केन्द्र,हम…धुरी हैं तुम्हारी॥ सबको जनम तुमने दिया है,तुमने ही सबका पालन किया है।पर बात क्या जो सबला न नारी,कहते सभी हैं क्यूं अबला नारी।तुम केन्द्र,हम…॥ नौ माह कोख में … Read more

धूप और छाँव

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** मिली साँस-धड़कन नहीं क्या मिला है,तुझे जिन्दगी दु:ख ये कैसा हुआ है। यहां धूप और छाँव का सिलसिला है,गुजर जाएगा जो भी ठहरा हुआ है। सुखों के तू जज्बे बना अपने दिल में,मुकम्मल खुदी से ही ऐसा हुआ है। दिखा उम्र के दौर प्यारे सभी को,जमाना कहे ये तो … Read more

कितना प्यारा समय

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** वेशभूषा बदल के आते हैं,हाल बेहतर मेरे बनाते हैं।कर्म अपने लिए ही करता हूँ,जाने कैसे वो जान जाते हैं॥वेशभूषा बदल के… पास जो खुद के वो भला न लगे,दूसरों की छवि बनाता हूँ।पाल पाता अगर ‘खुदी’ अपनी,तब तो कहता खुदा को पाता हूँ।पर नहीं खुद में ही मैं रहता … Read more

जंग जीवन की

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** जंग जीवन की सभी लड़ते हैं जीने के लिए,जीने के लिए,जीने के लिए…मौत-ए-मंजिल का सफर करते हैं जीने के लिए,जीने के लिए,जीने के लिए…llजंग जीवन की… सब सफर में हैं मगर अगले कदम की न खबर,उम्र जीनी है मगर अगले ही पल से बेखबर।फिर भी तो मिटती न चाहत … Read more

हो मुबारक ये प्यारी घड़ी

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************** आ गया साल इक्कीसवाँ,है सदी भी ये इक्कीसवीं।उम्र को वक्त ने दे दिया,हो मुबारक ये प्यारी घड़ी।आ गया… मेल ऐसा सदी बाद ही,वक्त का हो सकेगा कभी।खुशनसीबी हमारी यही,मिल गया वक्त से जो अभी।हम सभी की है किस्मत बड़ी,हो मुबारक ये प्यारी घड़ीllआ गया… पीढ़ियां बीत जातीं मगर,वक्त ऐसे … Read more

खुद को पहचान तो ले

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************** (रचना शिल्प:रदीफ-तो ले,काफिया-मान,जान,तान, ठान,ज्ञान २१२२ १२१२ १२१२ ११२) खुद को पहचान तो ले खुद को पहले जान तो ले।तू जमीं को गगन को अपना पहले मान तो ले। जिन्दगी भर का प्यार मिल सके जहाँ से तुझे,बात ऐसी तू कोई इस जहाँ से जान तो ले। तुझको सब मानते … Read more

नहीं सृष्टि का मान

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************** नदिया घट-घट में फिरे।सागर तट तक जाय॥प्यास बुझाए जीव की।जो भी लेता जाय॥ व्याकुल सागर हो गया।लहरें रहा उछाल॥नदियां बेचारी सभी।सूख रहीं बेहाल॥ प्राणी सब बेहाल हैं।दूषित है जलवायु॥जीना दूभर हो गया।चैन बिना हर आयु॥ बचपन बूढ़ा हो गया।बूढ़े हैं बेजान॥जीवन की साँसें घटी।नहीं सृष्टि का मान॥ मिटते जाते … Read more

वक्त का चमत्कार

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** वायु की तरह ही वक्त के भी कोई सिरे-किनारे या छोर नहीं होते। युगों-युगों से अब तक इस पल तक वक्त की गति पर कोई परिवर्तन नहीं हुआ। वक्त न तो कभी थमा,न ही इसकी गति बढ़ी। हाँ,इतना जरूर होता है कि वक्त स्वयं को बदलकर अपने दायरे … Read more

हालातों की धुरी पे सामाजिक संबंध

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** सामाजिक सम्बन्ध और दूरी स्पर्धा विशेष……….. सामाजिक संबंधों में दूरी,हालात ही बनाते हैं, संबंधों की ही धुरी पर ये सृष्टि को चलाते हैं। सामाजिक संबंधों… बदलाव हालातों में करता,बदलकर वक्त है रुख अपने, फिर वक्तो-हालात के जैसे ही,संबंध भी बनते जाते हैं। सामाजिक संबंधों… हालातों ने अच्छे और बुरे,संबंध … Read more

सबकी विनती सुन लो

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** ऐ भारतवर्ष के लोगों,सब-सबकी विनती सुन लो, जब तक न मिटे ये ‘कोरोना’,अपने ही घर में रह लो। यमदूत बना ये दानव,जन-मन की जान का दुश्मन, इसको न किसी ने देखा न इसके कहीं थे लक्षण। न जाने आया कहाँँ से ये बनके मौत सभी की, इसके जैसे … Read more