बातें रीति-नीति ज्ञान की

सुदामा दुबे सीहोर(मध्यप्रदेश) ******************************************* विश्व पुस्तक दिवस स्पर्धा विशेष…… किताबें बताती बातें रीति-नीति ज्ञान की,कहानियाँ सुनाती बातें आन-बान-शान की। वित्त विधि भाषा संग गौरव इतिहास का,भौतिकी भूगोल भार बातें अंक मान की। फूल पात शाख लता वर्णन है बेल का,कली का किलोल इनमें बातें अलि गान की। पालकी वरूथी वाजि बैलगाड़ी और ताँगा,लिखी हुई इनमें बातें … Read more

इसका कोई मोल नहीं!

सुदामा दुबे सीहोर(मध्यप्रदेश) ******************************************* ज से जल जीवन स्पर्धा विशेष… बूँद-बूँद मोती-सी दमके,लगे मधुर-सी मनभावन!व्योम वीथि से आवे वारि,माह लगे अषड़ा सावन!! हर्षित-सी हुई लगे बावरी,करे प्रेम से अभिनंदन!सौंधी-सौंधी महक बिखेरे,अवनि जब होवे आवन!! जूही चम्पा और चमेली,लता कुमुद शाखें कचनार!झूमे किसलय मतवारे से,लाता यह उनका यौवन!! शाक-सब्जियाँ कंद-मूल फल,भाँति-भाँति के फूल अनाज!इससे ही पैदा होते … Read more

नैना मतवारे

सुदामा दुबे सीहोर(मध्यप्रदेश) ******************************************* कैश तेरे कारे कजरारे,झूमे अल्हड़ झोंरे से !गाल गुलाबी गोरे-गोरे,दमक रहे मरू धोंरे से!! चमके तेरा बदन सिंदूरी,गुलमोहर के फूलों-सा!झीनी-झीनी चुनर तेरी,अंग दिखाये कोरे से!! गोल-गोल नैना मतवारे,सागर से नीले-नीले!तीर के जैसी पलकें तेरी,घाव करे हिये होरे से!! सुर्ख सुघड़ से होंठ रसीले,दहक रहे अंगारे से!बोल है तेरे सरस सुरीलेगुँजन करते भोंरे … Read more

गाल-गुलाबी फागुन में

सुदामा दुबे सीहोर(मध्यप्रदेश) ******************************************* फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… गाल गुलाबी हुए गोरी के फागुन में,नैन शराबी हुए गोरी के फागुन में। चंचल चपल चकोरी-सी हुई मतवारी,चाल हुई उसकी अलबेली फागुन में। कुंदन के पहने झुमके वो कानों में,बजे पैंजनी छन-छन उसकी फागुन में। मधुर-मधुर सी लगे रसीली वो बाला,चमक लिए वो गुलमोहर-सी फागुन में। … Read more

आया बसंत रतिपति संग लिए

सुदामा दुबे सीहोर(मध्यप्रदेश) ******************************************* वसंत पंचमी स्पर्धा विशेष ….. नैन से झरे खुमारी प्रेम मधुर भंग लिए,आया द्वार पर बसंत रतिपति संग लिए। प्रकृति के आँगन में देखो वो मचल रहा,डोल रहा अजब-गजब अपने नए ढंग लिए। घूम रहा गली-गली ढूँढ रहा कली-कली,हाव-भाव दिखा रहा अपने रूप-रंग लिए। लताओं को चूम रहा शाखों पर झूम रहा,साज … Read more

रास्ता भटक गया

सुदामा दुबे सीहोर(मध्यप्रदेश) ******************************************* यादों के कोहरे में रास्ता भटक गया,बिसरी हुई बातों में आज फिर अटक गया! बीत गई थी सदियाँ जिनको भूले हुए,उनके ही आँगन में काँरवा पटक गया! कर गया प्रहार ऐसा पतझड़ मन उपवन में,खुशियों के पल हमारे हाथ से झटक गया! तिनके जोड़े थे हमने आशियाँ बनाने को,बेरहम जमाने की आँखों … Read more

गौरी

सुदामा दुबे  सीहोर(मध्यप्रदेश) ******************************************* छन-छन छनकायेंं पायलियाँ पाँव में, गौरी आई गुलमोहर की छाँव में। लगे नैन उसके काजल से कजरारे, झूमे अल्हड़ कैश पवन के दाब में। सोहें तन उसके सिंदूरी से बाने, दमके अधर गुलाबी रवि के ताव में। यौवन मद में चूर रूपसी मतवारी, छेड़े मिलन का राग हिये के भाव में। … Read more

प्रीत के पावन भाव प्रिये

सुदामा दुबे  सीहोर(मध्यप्रदेश) ******************************************* लिए हुए वो प्रीत के पावन भाव प्रिये, खड़ा अटल-सा पथ में अपने पाँव प्रिये। चटक सिंदूरी से तन पर उसके बाने, ठंडी शीतल-सी है उसकी छाँव प्रिये। नेह करें वो तुमसे बिल्कुल निर्मल-सा, लैश ना राखे वो कोई दुराव प्रिये। भूल जाएगा अपने सारे रंजो गम, भर जाएंगें उसके सारे … Read more

मन श्यामा का चहक उठा

सुदामा दुबे  सीहोर(मध्यप्रदेश) ******************************************* खिल उठे कनक से अमलतास, मादक-सा महुआ महक उठाl अमराई में बौर महकते, मन श्यामा का चहक उठाll यौवन आया तरूओं पर, भी लेती शाखें अंगड़ाईl कोपल पात नवल से आये, तन मस्ती में लहक उठाll पावक-सा चटके पलाश, वो छटा बिखेरे मतवारीl गुलमोहर दमके सिंदूरी, जैसे लावा दहक उठाll साजड़,खैर … Read more

दर्द सारे सह गए

सुदामा दुबे  सीहोर(मध्यप्रदेश) ******************************************* मौन से रहे कभी तो, दिल की कभी कह गए। हम भी अपने दर्द सारे, हँसते-हँसते सह गए। मुरझाये नेह सुमन, जिंदगी की धूप में, साजिशों की लहरों में, रिश्ते सभी बह गए। वक्त की चलीं ऐसी, बेरहम-सी आँधियाँ, सपनों के महल सारे, देखते ही ढह गए। गैरों की बातों का, … Read more