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इसका कोई मोल नहीं!

सुदामा दुबे 
सीहोर(मध्यप्रदेश)

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ज से जल जीवन स्पर्धा विशेष…

बूँद-बूँद मोती-सी दमके,
लगे मधुर-सी मनभावन!
व्योम वीथि से आवे वारि,
माह लगे अषड़ा सावन!!

हर्षित-सी हुई लगे बावरी,
करे प्रेम से अभिनंदन!
सौंधी-सौंधी महक बिखेरे,
अवनि जब होवे आवन!!

जूही चम्पा और चमेली,
लता कुमुद शाखें कचनार!
झूमे किसलय मतवारे से,
लाता यह उनका यौवन!!

शाक-सब्जियाँ कंद-मूल फल,
भाँति-भाँति के फूल अनाज!
इससे ही पैदा होते हैं,
खेती और विपिन उपवन!!

सरस सोम-सा स्वाद निराला,
इसका कोई मोल नहीं!
सकल सृष्टि के जीव जनों,
को देता है जल ही जीवन!!

परिचय: सुदामा दुबे की की जन्मतिथि ११ फरवरी १९७५ हैL आपकी शिक्षा एम.ए.(राजनीति शास्त्र)है L सहायक अध्यापक के रूप में आप कार्यरत हैं L श्री दुबे का निवास सीहोर(मध्यप्रदेश) जिले के बाबरी (तहसील रेहटी)में है। आप बतौर कवि काव्य पाठ भी करते हैं। लेखन में कविता,गीत,मुक्तक और छंद आदि रचते हैंL

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